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नर्सरी ने बदली नीलम की किस्मत,  सब्जियों से कमाती हैं 4 लाख रुपए

किसान फलों और सब्जियों की खेती करके अपनी किस्मत बदल सकते हैं. वे इस खेती के जरिए अच्छी आमदनी कर सकते हैं और अपनी सफलता की कहानी लिख सकते हैं. बिहार के बांका जिले के पोखरिया गांव की महिला किसान नीलम देवी भी ऐसी ही एक किसान हैं, जो फलों और सब्जियों की उन्नत खेती के जरिए आज सफलता हासिल कर रही हैं.
 

किसान फलों और सब्जियों की खेती करके अपनी किस्मत बदल सकते हैं. वे इस खेती के जरिए अच्छी आमदनी कर सकते हैं और अपनी सफलता की कहानी लिख सकते हैं. बिहार के बांका जिले के पोखरिया गांव की महिला किसान नीलम देवी भी ऐसी ही एक किसान हैं, जो फलों और सब्जियों की उन्नत खेती के जरिए आज सफलता हासिल कर रही हैं. वे कहती हैं कि बांका में कार्यरत प्रखंड तकनीकी प्रबंधक और सहायक तकनीकी प्रबंधक का उन्हें पूरा सहयोग मिलता है. मौसमी सब्जियों की खेती के अलावा नीलम नर्सरी भी लगाती हैं. नर्सरी में वे पौधे तैयार करती हैं, जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा होता है.

नीलम के जीवन में यह बदलाव तकनीक के इस्तेमाल से हुआ है. उन्होंने 45X 75 वर्ग फीट का ग्रीनहाउस बनाया है. इसके अंदर वे उन्नत बीजों से सब्जियों के पौधे तैयार करती हैं. फिर उन बीजों को आसपास के किसानों को उचित दामों पर बेचती हैं. इस तरह से पूरे इलाके में उनकी एक अलग पहचान बन गई है. इससे आसपास के किसानों के बीच उनकी प्रतिष्ठा बनी है और दूसरे किसान भी उनका सम्मान करते हैं. इस तरह से वे एक प्रगतिशील महिला किसान के रूप में पहचानी जाने लगी हैं. अपनी सफलता के सफर के बारे में बात करते हुए नीलम देवी कहती हैं कि एक समय ऐसा था जब उन्हें कृषि कार्य में कोई रुचि नहीं थी. लेकिन वर्ष 2018 के बाद उनके जीवन में बदलाव आया है. नीलम बताती हैं कि वर्ष 2019 में उनकी मुलाकात एटीएमए बांका में कार्यरत सहायक तकनीकी प्रबंधक से हुई. उन्होंने नीलम को मौसमी सब्जियों की खेती से होने वाले लाभ और आमदनी के बारे में बताया. साथ ही उन्हें इसकी खेती करने के लिए प्रेरित भी किया. इतना ही नहीं सहायक तकनीकी प्रबंधक ने नीलम के लिए राज्य के अंदर और बाहर प्रशिक्षण की व्यवस्था की. साथ ही उन्हें एक्सपोजर विजिट पर भी ले जाया गया, ताकि पता चल सके कि अन्य जगहों पर किस तरह से खेती की जा रही है. इससे उन्हें और अधिक सीखने का मौका मिला.

सालाना आय चार लाख रुपये

आज नीलम देवी अपने ग्रीनहाउस नर्सरी में हरी सब्जियों की खेती के लिए पौधे तैयार करती हैं और उन्हें बेचती हैं. इस काम के लिए उन्हें कृषि विभाग के एटीएमए बांका में कार्यरत प्रखंड सहायक तकनीकी प्रबंधक का सहयोग मिलता है. उनके सहयोग से वह ग्रीनहाउस में मौसमी सब्जियों की खेती करती हैं और नर्सरी तैयार करती हैं. नर्सरी में वह मुख्य रूप से मिर्च, फूलगोभी, पत्तागोभी, ब्रोकली, भिंडी, नेनुआ, करेला और शिमला मिर्च की नर्सरी तैयार करती हैं। इस काम से नीलम को हर साल करीब चार लाख रुपए की कमाई होती है। इस तरह वह अपनी जिंदगी को खुशहाल बना रही हैं।

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