RBI agriculture loan limit: किसानों की हुई बल्ले बल्ले, RBI ने किसानों को दिया नए साल पर ये जबरदस्त तोहफा
RBI agriculture loan limit: बढ़ती महंगाई दर का किसानों और कृषि गतिविधियों पर बुरा असर न पड़े, इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा फैसला लेते हुए कोलैटरल फ्री कृषि लोन की सीमा बढ़ा दी है। आरबीआई के फैसले के बाद अब निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक किसानों को लोन के रूप में ज्यादा पैसे दे सकेंगे।
इस फैसले से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के लाभार्थियों को पहले से ज्यादा पैसे मिल सकेंगे। यहां जानते हैं कि किसानों को कोलैटरल फ्री लोन के लिए कैसे और कहां आवेदन करना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने बिना किसी सिक्योरिटी के कृषि लोन की सीमा को 1.6 लाख से बढाकर ₹200000 कर दिया है। यह घोषणा गवर्नर शक्ति दास ( Governor Shakti Das ) ने 6 दिसंबर को मौद्रिक नीति समिति ( Monetary Policy Committee ) की ब्रीफिंग के दौरान की।
इस फैसले का मकसद छोटे और सीमांत किसानों की जरूरतों को पूरा करते हुए किसानों के लिए बिना किसी सिक्योरिटी के लोन राशि तक पहुंच को आसान बनाना है। अब किसानों को क्रेडिट कार्ड पर ज्यादा पैसे मिलेंगे। आरबीआई के इस फैसले का कई बैंकों और इस सेक्टर से जुड़े लोगों ने तहे दिल से स्वागत किया है।
Also Read - इस नस्ल की बकरी आपकों बना देगी मालामाल?
जानकारी में कहा गया है कि इससे कृषि क्षेत्र को अधिक धन मिलना आसान होगा, छोटे और सीमांत किसानों की श्रेणी के लिए यह स्वाभाविक होगा। इससे क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में भी मदद मिलेगी, जिसे बैंकिंग क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जबकि किसान क्रेडिट कार्ड के लाभार्थियों को अब अधिक धन मिल सकेगा।
कृषि क्षेत्र राष्ट्रीय आय में 18 प्रतिशत का योगदान देता है
रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से सितंबर की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में लगभग दो वर्षों में सबसे तेज गति से गिरावट आई है, जबकि कृषि क्षेत्र में अच्छी वृद्धि हुई है। कृषि क्षेत्र की जीडीपी (GDP) उन तीन महीनों में 3.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जबकि पिछली तिमाही में यह दो प्रतिशत थी।
जुलाई 2024 में जारी होने वाले वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत के कृषि क्षेत्र में पिछले पांच वित्तीय वर्षों में औसतन 4.18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिसे देश की राष्ट्रीय आय में 18 प्रतिशत का योगदान माना जाता है। हालांकि, यह पर्याप्त नहीं है क्योंकि देश की 42.3 प्रतिशत आबादी फसल उगाने के अलावा पशुपालन, मत्स्य पालन और अन्य कृषि गतिविधियों पर निर्भर है।
जानिए किसानों को कैसे मिलता है कोलैटरल फ्री लोन
बैंक या वित्तीय संस्थानों से करना होगा संपर्क- किसान अपने नजदीकी बैंक या वित्तीय संस्थानों से संपर्क कर सकते हैं जो प्राथमिकता क्षेत्र ऋण प्रदान करते हैं।
आवेदन करने की प्रक्रिया - किसान को एक ऋण आवेदन पत्र भरना होता है जिसमें उसे अपनी कृषि गतिविधियों, आवश्यकताओं और परिवार की वित्तीय स्थिति के बारे में पूरी जानकारी देनी होती है।
दस्तावेजों का सत्यापन- आमतौर पर बैंक किसान की पहचान और कृषि गतिविधियों से जुड़े जरूरी दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड और प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र आदि का सत्यापन करता है।
ऋण स्वीकृति- अगर सब कुछ ठीक रहा तो ऋण स्वीकृत हो जाता है और राशि आपके बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है।