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Haryana: हरियाणा को मिलेगा 5700 करोड़ का तोहफा, इन लोगों की बदल जाएगी किस्मत

हरियाणा में एक नई रेलवे लाइन बनाने का काम शुरू होने जा रहा है जो राज्य के कई शहरों को एक साथ जोड़ेगी। इस परियोजना को हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के नाम से जाना जाऐगा। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी से जोडना है।
 

Haryana Orbital Rail Corridor: हरियाणा में एक नई रेलवे लाइन बनाने का काम शुरू होने जा रहा है जो राज्य के कई शहरों को एक साथ जोड़ेगी। इस परियोजना को हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के नाम से जाना जाऐगा। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों को बेहतर कनेक्टिविटी से जोडना है।

और दिल्ली एनसीआर के ट्रैफिक को भी कम करना है। हरियाणा सरकार राज्य के रेलवे बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए काफी प्रयास कर रही है, जिसके लिए यह परियोजना शुरू की गई है। हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर नाम की परियोजना के तहत 126 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछाई जाएगी जो पलवल से सोनीपत तक जाएगी।

इन पांच जिलों को मिलेगा बड़ा फायदा

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर ( Haryana Orbital Rail Corridor ) नाम की इस परियोजना पर 5700 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस परियोजना से हरियाणा के पांच जिलों पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत को सीधा फायदा होगा। यह रेलवे लाइन पलवल रेलवे स्टेशन से शुरू होकर सोनीपत के हरसाना कलां रेलवे स्टेशन तक जाएगी जिसमें सोहाना मानेसर खरखौदा और न्यू पलवल जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं

इस परियोजना की खास बातें

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर ( Haryana Orbital Rail Corridor ) को ब्रॉड गेज डबल ट्रैक के रूप में विकसित किया जा सकेगा। इस ट्रैक पर 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दोडेगी। इसे खास तौर पर मालगाड़ियों के लिए डिजाइन किया जाएगा ताकि रोजाना 50 मिलियन टन माल आसानी से ढोया जा सके। इसके अलावा इस कॉरिडोर पर दो सुरंगें भी बनाई जाएंगी, जिनकी ऊंचाई 11 मीटर तक होगी ताकि डबल स्टेट कंटेनर भी आसानी से इससे गुजर सकें।

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औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगा बड़ा लाभ

हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर ( Haryana Orbital Rail Corridor ) परियोजना से हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्र को जबरदस्त लाभ मिलेगा। राज्य के मानेसर और खरखौदा जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा, जिससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा दिल्ली एनसीआर में यातायात का दबाव भी कम होगा और वायु प्रदूषण पर भी नियंत्रण होगा।

इस परियोजना के लिए 665.92 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। इस परियोजना का निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है और इसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। इस परियोजना को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के लिए सोहना रेवाड़ी रोड इंटरचेंज के पास स्थित फरुखनगर टोल प्लाजा का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है।

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