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हरियाणा सरकार दे रही है वॉटर रिचार्ज बोरवेल की मुफ्त सुविधा, जानिए कैसे करें आवेदन

 
हरियाणा सरकार दे रही है वॉटर रिचार्ज बोरवेल की मुफ्त सुविधा, जानिए कैसे करें आवेदन
Aapni Agri, Yojna हरियाणा राज्य सरकार ने किसानों के खेतों में बारिश का पानी इकट्ठा होने से पैदा होने वाली समस्या को खत्म करने के लिए 1 नई योजना की शुरुआत की गई है. हर वर्ष बरसात के कारण किसानों की फसल पानी में सड़कर खराब हो जाती है और इसके बदले में सरकार को किसानों को मुआवजा भी देना पड़ता है, जिससे कारण सरकार के खजाने में अतिरिक्त बोझ आता है. इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने वॉटर रिचार्ज बोरवेल योजना की शुरुआत भी की गई है. इसके जरिए किसान भाई अपने खेतों के पानी की निकासी कर फसल को सड़ने से भी बचा सकते है. किसान भाई वाटर रिचार्ज बोरवेल लगवाने के लिए ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए सभी किसानों को सिंचाई विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा. Also Read: हरियाणा में सोलर पंप के लिए आवेदन कल से: बिजली कनेक्शन आवेदकों को मिलेगी प्राथमिकता, नियमों में हुए कई बदलाव हरियाणा के किसान सोहन लाल ने यह बताया कि उन्होंनें वॉटर रिचार्ज बोरवेल के लिए आवेदन किया था और इसके कुछ ही दिन बाद सरकारी कर्मचारी उनके खेतों में पहुंचे और वहां की मिट्टी का पूरी तरह से जायजा लिया. इसके 2 से 4 दिन बाद कर्मचारियों ने बोरवेल लगाने का आवेदन स्वीकृत कर दिया. वर्तमान में उनके खेत में बोरवेल बनाने का काम भी चल रहा है. आपको ये बता दें इस योजना को सरकार के द्वारा मुफ्त में किसानों को मुहैया कराई जा रही है. यानि की आपको अपने तरफ से कोई भी राशि नहीं खर्च करनी होगी. आपके रजिस्ट्रेशन के बाद इसकी स्वीकृत मिलने पर सरकार खुद बोरवेल लगाने का टेंडर किसी को देकर यह काम खुद करवाएगी. इसके लिए किसान भाईयों के पास बस खुद की जमीन होनी जरुरी है.
वॉटर रिचार्ज बोरवेल के खड्डे का आकार 
वॉटर रिचार्ज बोरवेल के खड्डे का 20X20 का आकार रहता है और इसमें पानी को भरने के लिए सीमेंट की 1 आयताकार नाली बनाई जाती है, जो बीच के मुख्य खड्डे से जुड़ी होती है जहां पर पानी जमा होता है. यह जमा हुआ पानी जमीन के जलस्तर को बढ़ाने में सहायता करेगा. पिछले कई वर्षो से हरियाणा का जलस्तर लगातार गिरता जा रहा है तो ऐसे में हरियाणा सरकार ने किसानों की फसलों को बारिश से होने वाले नुकसान के साथ-साथ जमीन के गिरते जलस्तर को कम करने के बारे में विचार कर रही थी. इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों की सहायता तो कर ही रही है और साथ ही जमीन के जल स्तर को बढ़ाने में सहायता भी कर रही है.