सरकार की पराली प्रबंधन योजना: किसानों को मिलेगी 80% सब्सिडी, आसान लोन और आर्थिक लाभ
पराली प्रबंधन की समस्या
पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, जिससे निपटने के लिए सरकार और कृषि वैज्ञानिक लगे हुए हैं। इस समस्या का स्थाई समाधान नहीं मिल पा रहा है, लेकिन अब राज्य के सहकारी बैंक भी सामने आ रहे हैं।
योजना की विशेषताएं
इस योजना के तहत किसानों को निम्नलिखित लाभ मिलेंगे:
- सब्सिडी: किसानों को कृषि उपकरणों की खरीद पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी।
- लोन अवधि: किसानों को लोन चुकाने के लिए पांच वर्ष का समय दिया जाएगा।
- किस्तें: लोन को प्रतिवर्ष 10 अर्धवार्षिक किस्तों में 30 जून और 31 जनवरी के बीच में चुकाया जा सकेगा।
- प्रगतिशील किसानों के लिए: बेलर और सुपर सीडर सहित फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि उपकरणों की खरीद पर छूट मिलेगी।
आसान प्रक्रिया
राज्य मुख्यमंत्री भगवंत मान का उद्देश्य किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी खरीदने के लिए ग्रामीण इलाकों में आसानी से लोन मुहैया कराना है। यह योजना चंडीगढ़ में राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंकों की 802 शाखाओं के माध्यम से शुरू की गई है।
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किसानों के लिए लाभ
इस योजना से किसानों को निम्नलिखित लाभ होंगे:
- पर्यावरण संरक्षण: पराली जलाने से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण से बचाव।
- आर्थिक लाभ: कृषि उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी और लोन की सुविधा।
- उत्पादकता में वृद्धि: फसल अवशेष प्रबंधन के लिए मशीनरी की खरीद से उत्पादकता में वृद्धि।
निष्कर्ष
पंजाब सरकार की यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे उन्हें पराली प्रबंधन में मदद मिलेगी और पर्यावरण प्रदूषण से बचाव होगा। इस योजना से किसानों को आर्थिक लाभ भी होगा और उनकी उत्पादकता में वृद्धि होगी।