Gausevak Yojna: गौ सेवक योजना जिसमें ट्रेनिंग लेकर आप भी बन सकते हैं 'वेटनरी डॉक्टर', जानें इसके बारे में
Mar 6, 2024, 08:40 IST
Gausevak Yojna: क्या है योजना का मकसद
इस स्कीम के जरिए राज्य के पढ़ें-लिखे युवाओं को जो बेरोजगार हैं उन्हें पशु चिकित्सा या वेटनरी के तौर पर ट्रेनिंग देकर आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जाती है. इस स्कीम की मदद से वो युवा जिनके पास गाय हैं, उनका गौ सेवा करने और गौवंशो को उचित समय में उपचार की सुविधा देना का भी सरकार का मकसद पूरा हो जाएगा.Gausevak Yojna: योजना की शुरुआत साल 2001 में की गई
इस योजना की शुरुआत साल 2001 में की गई थी तब उस समय 1137 गऊ सेवकों की तरफ से पशु चिकित्सा का काम शुरू किया गया था. जून 2023 में आई सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब एक लाख युवाओं को इस योजना के तहत ट्रेनिंग देने का लक्ष्य सरकार ने तय किया था.Gausevak Yojna: छह महीने की ट्रेनिंग
इस योजना का संचालन मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग की तरफ से किया जाता है. ट्रेनिंग के बाद प्रशिक्षित युवा गांवों में पशुओं को प्रारंभिक चिकित्सा सुविधा प्रदान कर अपने लिए रोजगार शुरू कर सकते है. इससे पशुओं को सही समय में प्रारंभिक चिकित्सा सुविधा भी मिल सकेगी. ट्रेनिंग के दौरान जिन युवाओं का चयन होता है उन्हें हर महीने 1000 रुपए का स्टायपेंड दिया जाता है. साथ ही युवाओं को 1200 रुपये की एक किट भी दी जाती है. मध्य प्रदेश गौसेवक प्रशिक्षण योजना में युवाओं को सिर्फ छह महीने के लिए ही ट्रेनिंग दी जाती है.
Gausevak Yojna: 10वीं पास युवाओं के लिए भी
छह महीने बाद लाभार्थी फिर से ट्रेनिंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं. रिफ्रेशर लाभार्थी का चयन वरिष्ठता के आधार पर किया जायेगा. मध्य प्रदेश गौसेवक प्रशिक्षण योजना में 10वीं पास और 18 वर्ष से 35 वर्ष के युवा की आवेदन कर सकते है. जैसा की योजना के नाम से ही पता चल रहा है की प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को गौसेवक कहा जायेगा.Mon,27 Jan 2025
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