सर्दी के मौसम में अपने पशुओं की ऐसे करें देखभाल, बाल्टी भर भर के देंगे दूध
Dairy Animal: पशुओं को तनाव देने वाला मौसम शुरू हो गया है। वैसे तो गर्मी का मौसम भी पशुओं को तनाव देता है, लेकिन यह मौसम कई महीनों में पशुओं और पशुपालकों के लिए बेहद खास बन जाता है।
इस मौसम में न सिर्फ पशुओं का उत्पादन बढ़ता है, बल्कि दूध का उत्पादन भी काफी ज्यादा होता है और एक और बड़ी बात यह है कि इस दौरान पशुओं की खूब खरीदारी होती है, लेकिन पशु अपेक्षा के मुताबिक यह मौसम गाय-भैंसों में कई तरह की बीमारियां भी लेकर आता है,
कुछ मौसमी बीमारियां पशुओं के लिए जानलेवा साबित होती हैं। इसका खामियाजा पशुपालकों को आर्थिक नुकसान उठाकर चुकाना पड़ता है। दूध उत्पादन में कमी के साथ-साथ दवाइयों का खर्च भी काफी बढ़ जाता है, लेकिन अगर कुछ सावधानियां बरती जाएं तो आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है और पशुओं को गर्म भी रखा जा सकता है।
बदलते मौसम में पशुओं की खास देखभाल के लिए हरा चारा क्यों जरूरी नहीं है? दूध दुहने के तरीकों में कौन-कौन सी चीजें शामिल होनी चाहिए इसलिए पशुओं को ठंड से बचाने के उपाय करने चाहिए। इस मौसम में अधिकतर गाय भैंस गर्मी में आ जाती हैं, इसलिए अपने पशुओं का उपचार कराएं।
मुर्रा नस्ल की भैंस का नजदीकी केंद्र पर कृत्रिम गर्भाधान कराएं। प्रसव के साथ ही यह भी जांच कराएं कि पशु 70 दिन बाद गर्मी में न आ जाए। भारी कीड़ों से बचने के लिए पशुपालक को समय-समय पर दवा का छिड़काव करते रहना चाहिए। पेट के कीड़ों से बचने के लिए पशुओं को डॉक्टर की सलाह पर दवा देनी चाहिए।
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गाय और भैंस को गर्मी में लाने के लिए उन्हें संतुलित आहार खिलाएं। स्तनदाह रोग से बचने के लिए समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहें। बछड़े को बैल बनाने के लिए 6 माह की उम्र में उसका बधियाकरण कराएं। अधिक हरा चारा लेने के लिए अपने खेतों में बिमल 10 बीएल 22 और बीएल 42 बरसीम लगाएं।
बरसीम में सरसों चाइनीज कैबिज या जई मिलाकर भी खिला सकते हैं। बरसीम से राई एक साथ बोने से फसल की पौष्टिकता दोगुनी हो जाती है। अगर आप नए खेत में बरसीम से बुआई कर रहे हैं तो पहले राइजोबियम कल्चर डालें।
जई और बरसीम की बुआई के लिए अक्टूबर का महीना सबसे अच्छा माना जाता है। जई के लिए ज़्यादा चारा पाने के लिए ओवर सिक्स, ओवर नाइन और कैट की बुआई करें।