Dairy Farming: अगर आपको भी होना है डेयरी के क्षेत्र में मालामाल, तो पहले इन नस्लों की भैंसें
dairy farming: पिछले कुछ वार्षों से हमारा देश दूध उत्पादन के क्षेत्र में बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। नए लोग भी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग के जरीये अच्छी कमाई कर रहे हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों ही इलाकों में लगभग हर घर में दूध रोजमर्रा की जरूरतों का हिस्सा है।
यही वजह है कि इसकी मांग साल भर बनी रहती है और डेयरी से जुड़े लोग अच्छी कमाई करते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो डेयरी से ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाते। इसकी वजह यह है कि उनके पशु जरूरत के मुताबिक दूध नहीं देते। इस खबर में हम आपको भैंसों की टॉप तीन नस्लों के बारे में बताने जा रहे हैं।
डेयरी के लिए चयन करें इन तीन नस्लों की भैंसें ( Select these three breeds of buffaloes for dairy )
अगर आप डेयरी फार्म चलाते हैं या शुरू करने जा रहे हैं तो भैंस पालना फायदेमंद है। भैंसें गायों से ज्यादा दूध देती हैं। भैंस पालने से पहले हमें उनकी नस्लों के बारे में जान लेना चाहिए ताकि पशुपालक उनकी जरूरतों और उन नस्लों से जुड़ी अहम बातों को जान सकें। डेयरी में जाफराबादी, मुर्राह और मेहसाणा नस्ल की भैंसें पालें। आइए जानते हैं इन भैंसों की खासियत।
जाफराबादी भैंस की खासियत ( Specialty of Jaffrabadi Buffalo )
जाफराबादी नस्ल (Jaffrabadi Buffalo) की भैंसें अन्य नस्लों की तुलना में ताकतबर और मजबूत होती हैं। इन भैंसों का माथा चौड़ा होता है। इनके सींग गर्दन की तरफ मुड़े हुए होते हैं। इन्हें बाहुबली भैंस भी कहा जाता है। जाफराबादी नस्ल की भैंसें रोजाना 15 लीटर से ज्यादा दूध देती हैं।
मुर्रा नस्ल की भैंस की खासियत ( Specialty of Murrah breed buffalo )
हमारे देश में पशुपालकों के बीच मुर्रा नस्ल की भैंस को बेहद खास माना जाता है। इसे यहां काला सोना ( black Gold ) भी कहा जाता है। इसका आकार मध्यम होता है, सिर के सींग जलेबी की तरह मुड़े होते हैं। मुर्रा भैंस रोजाना 15 लीटर तक दूध दे सकती है। वहीं, इनके दूध में 7 प्रतिशत तक फैट होता है।
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मेहसाणा नस्ल की खासियत ( Features of Mehsana breed )
मेहसाणा नस्ल की भैंसें डेली 10-12 लीटर तक दूध दे देती हैं। इन भैंसों के दूध में करीब 7 प्रतिशत फैट पाया जाता है। मेहसाणा नस्ल की भैंसों में किसी भी प्रकार के वातावरण और जलवायु के अनुकूल ढलने की क्षमता होती है। इनका शरीर भारी होता है, ये काले, भूरे और भूरे रंग की हो सकती हैं।
भैंस खरीदते वक्त इन बातों का रखें विशेष ध्यान ( Pay special attention to these things while buying a buffalo )
अधिकांश पशुपालक अधिक दूध देखकर ही भैंस खरीद लेते हैं, जो गलत है। अच्छी नस्ल के अलावा अन्य जरूरी बातें भी जाननी चाहिए जैसे अधिक दूध के साथ भैंस की प्रकृति के बारे में जानना भी जरूरी है। कुछ पशु दूध देते समय लात मारते हैं, इसलिए खरीदने से पहले खुद दूध निकालकर जांच लें। भैंस पहले ब्यांत में कम दूध देती है, इसलिए दूसरे या तीसरे ब्यांत वाली भैंस खरीदें।
ऐसे रखें भैंसों का खान-पान और रखरखाव ( Keep the food and maintenance of buffaloes like this )
भैंसों से अधिक दूध लेने के लिए उनके खान-पान और रखरखाव पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। भैंसों का खाना पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होना चाहिए। उनके खाने में किसी भी तरह की दुर्गंध न आए, इसके लिए ताजा भूसा और चारा ही देना चाहिए।
भैंसों को समय-समय पर हरा चारा, सूखा चारा, दलिया, चूना, खली और सरसों का तेल खिलाना चाहिए। भैंसों को तीनों समय खिलाने का समय तय होना चाहिए। जिस शेड में उन्हें बांधा जाता है, वहां किसी भी तरह की गंदगी नहीं होनी चाहिए, मलमूत्र को तुरंत साफ करें। साथ ही किसी भी तरह का पानी जमा न होने दें।