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पशुपालकों को शीघ्र ही लम्पी रोग से मृत्यु होने पर 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी

 
पशुपालकों को शीघ्र ही लम्पी रोग से मृत्यु होने पर 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी

Aapni Agri, Animal Husbandry

लम्पी बीमारी से मृत्यु होने पर पशुपालकों को मुआवजा

पिछले साल देश के कई राज्यों में लम्पी रोग का प्रकोप देखा गया था, जिससे हजारों गोजातीय पशुओं की मौत हो गई थी. ऐसे में पशुपालकों को खासी परेशानी हुई थी। ऐसे में राजस्थान सरकार ने पशुपालकों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 40 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की थी. इस संबंध में पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री विकास सीताराम भाले ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जल्द ही कार्यक्रम में पशुपालकों के खातों में वित्तीय सहायता राशि अंतरित करेंगे. Also Read:खरीफ की बुआई से पहले किसान करें ये काम, बंपर उत्पादन से होगी तगड़ी कमाई पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव श्री विकास सीताराम भाले ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही राज्य स्तरीय आर्थिक सहायता वितरण कार्यक्रम आयोजित कर पात्र पशुपालकों को इस योजना से लाभान्वित किया जायेगा. मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत कार्यक्रम में पशुपालकों के खातों में राशि अंतरित करेंगे। Also Read: Rice Export: सरकार का बड़ा फैसला, चावल निर्यातकों को 6 महीने की राहत

लम्पी रोग वित्तीय सहायता वितरण कार्यक्रम के निर्देश दिये

शासन के प्रधान सचिव ने आज राजधानी के पशुधन भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने लम्पी रोग से मृत गोजातीय पशुओं एवं पात्र पशुपालकों के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर कहा कि इस कार्य को मुख्य जिम्मेदारी मानते हुए विभाग के सभी अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इसका लाभ हर पात्र पशुपालक तक पहुंचे. उन्होंने पशुपालन विभाग के सभी जिला अधिकारियों को जिला स्तर पर अन्य विभागों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए हैं ताकि पात्र पशुपालकों तक ''लंपी रोग आर्थिक सहायता वितरण'' कार्यक्रम सुनिश्चित किया जा सके. Also Read: Summer Garden Plants: गर्मियों में लगाएं ये 7 पौधे इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम की तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्यक्रम में उपस्थित किसी भी पशुपालक को कोई परेशानी न हो, इसके लिए समुचित व्यवस्था की जाए. उन्होंने कहा कि पशुपालकों का कल्याण विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है और प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी को इसे ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए.