Subsidy on moong seeds: किसानों के लिए बेहतर फसल और बंपर उत्पादन के लिए उन्नत किस्म के बीज काफी महत्वपूर्ण होते हैं. बेहतर बीज के खेती में इस्तेमाल से किसानों की आय बढ़ती है. ऐसे में राज्य में मूंग की खेती को बढ़ावा देने के लिए हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. कृषि और किसान कल्याण विभाग, हरियाणा सरकार की ओर से किसानों को ग्रीष्मकालीन मूंग बीज पर की सब्सिडी देने जा रही है. दरअसल मंगू लगाने का फायदा यह है कि खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को अतिरिक्त कमाई भी बढ़ती है. वहीं ग्रीष्मकालीन मूंग बीज पर राज्य सरकार की ओर से सब्सिडी पाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इसलिए किसान इस मौके का फायदा उठाने के लिए जल्दी रजिस्ट्रेशन करवाएं.
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हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा दलहनी फसलों, जल संरक्षण और ग्रीष्मकालीन मूंग का एरिया बढ़ाने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी पर मूंग के बीज का वितरण किया जाना है. यह हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केन्द्रों के माध्यम से किसानों को बीज वितरित किया जाएगा. वहीं प्रदेश भर में एक लाख एकड़ क्षेत्र में बुवाई के लिए ग्रीष्मकालीन मूंग का बीज किसानों को दिया जाएगा.
Subsidy on moong seeds: पोर्टल पर जाकर किसान को रजिस्ट्रेशन
ऐसे में बीज के लिए केवल 25 प्रतिशत राशि ही किसान को बीज खरीदते समय जमा करवानी होगी. साथ ही ग्रीष्मकालीन मूंग का बीज लेने के लिए किसानों को कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की वेबसाइट एग्री हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल (http://agriharyana.gov.in/) पर जाकर किसान को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.
Subsidy on moong seeds: रजिस्ट्रेशन का अंतिम डेट 15 अप्रैल
बता दें कि ग्रीष्मकालीन बीज लेने के लिए रजिस्ट्रेशन 10 मार्च से 15 अप्रैल 2024 तक जारी रहेगा. वहीं किसानों को बीज देने के बाद विभागीय कमेटी इनका भौतिक सत्यापन करेगी कि क्या किसान ने बीज का उपयोग सही तरीके से किया है या नहीं. साथ ही निरीक्षण के दौरान यदि किसान के खेत में मूंग के बीज की बुवाई नहीं हुई होगी तो उस किसान को 75 प्रतिशत अनुदान राशि विभाग में जमा करवानी पड़ेगी. इस स्कीम के तहत पूरी प्रक्रिया जिले के उपायुक्त की देखरेख में की जाएगी.
Subsidy on moong seeds: मूंग की खेती है लाभदायक
दरअसल मूंग दलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई इलाकों में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती की जाती है. किसानों को मूंग की खेती से डबल फायदा मिलता है. एक तो बाजार में मूंग के ठीक-ठाक भाव मिल जाते हैं. वहीं गेहूं की कटाई के बाद मूंग की बुवाई करना फायदेमंद रहता है. साथ ही खरीफ सीजन मे धान की बुवाई से पहले मूंग पककर तैयार हो जाती है. इससे वातावरण में नाइट्रोजन की स्थिरता बढ़ती और मिट्टी बांधने की क्षमता बेहतर हो जाती है. साथ ही भूजल स्तर भी बेहतर रहता है. मूंग से खेत की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है, जिसका फायदा अगली फसल की उत्पादकता पर होता है.
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ग्रीष्मकालीन मूंग की एम एच 421 वैरायटी किसानों को उपलब्ध करवाई जाएगी. एम एच 421 किस्म 60 दिन में पकने वाली किस्म है, जिसका सामान्य उपज 4 से 8 क्विंटल प्रति एकड़ है. वहीं एक किसान को अधिकतम 30 किलो बीज दिया जाएगा. हरियाणा बीज विकास निगम से बीज लेते समय किसान को अपना आधार कार्ड या वोटर कार्ड या किसान कार्ड बिक्री केन्द्र पर प्रस्तुत करना होगा.