Sandalwood Cultivation: हरियाणा सहित उत्तर भारत में भी कर सकते हैं चंदन की खेती, हो जाएंगे मालामाल
Nov 26, 2023, 19:57 IST
Sandalwood Cultivation: लोगों का रुझान चंदन की खेती की ओर है, लेकिन तकनीक की भारी कमी और पेड़ तैयार होने में काफी समय लगने के कारण इसकी खेती उम्मीद के मुताबिक नहीं हो पा रही है, जबकि चंदन की खेती काफी लाभदायक है। अब केंद्रीय मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्थान में अच्छे और गुणवत्ता वाले चंदन के पौधे तैयार करने के लिए एक परियोजना शुरू की गई है, जिसमें विशेष तकनीक पर शोध किया जा रहा है, ताकि किसानों को चंदन की खेती का प्रशिक्षण देकर उनकी आय कई गुना बढ़ाई जा सके। जा सकते हैं। Also Read: Pea Farming: इस महीने करें मटर की इन टॉप 7 किस्मों की खेती, मिलेगी बंपर पैदावार Sandalwood Cultivation: चंदन सदियों से भारतीय संस्कृति से जुड़ा हुआ है और इसका उपयोग न केवल पूजा और तिलक लगाने के लिए किया जाता है, बल्कि सफेद और लाल चंदन के रूप में इसकी लकड़ी का उपयोग मूर्तियाँ, सजावटी सामान, हवन करने और अगरबत्ती बनाने के साथ-साथ इत्र बनाने के लिए भी किया जाता है। . और अरोमाथेरेपी आदि के लिए। इसके साथ ही इसके तेल से कई त्वचा और अन्य रोगों की दवाएं भी बनाई जाती हैं। Sandalwood Cultivation Sandalwood Cultivation: यह दक्षिण भारत में अधिक पाया जाता है, क्योंकि वर्ष 2001 से पहले उत्तर भारत में चंदन की खेती पर प्रतिबंध था। 2001 के बाद केंद्र सरकार ने प्रतिबंध हटा दिया। तब से किसानों का रुझान चंदन की खेती की ओर बढ़ा है लेकिन तकनीक की भारी कमी के कारण इसकी खेती को अपेक्षित गति नहीं मिल पा रही है। Sandalwood Cultivation: केंद्रीय मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई), करनाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक (कृषि वानिकी) डॉ. राज कुमार ने कहा कि संस्थान के निदेशक डॉ. आरके यादव के मार्गदर्शन में चंदन की खेती पर एक परियोजना शुरू की गई है। संस्थान में चंदन के पौधे तैयार करने पर अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण रिसर्च की जा रही है। Also Read: Haryana Roadways Time Table: चंडीगढ़, कटरा जाने वाली हरियाणा रोडवेज बसों का टाइम टेबल, देखें पूरी जानकारी Sandalwood Cultivation: चंदन के पेड़ लगभग 12 से 15 साल में तैयार हो जाते हैं। शोध में यह प्रयास भी किया जाएगा, ताकि इसकी तैयारी की अवधि कम हो सके। फिलहाल संस्थान में एक एकड़ भूमि में इसके पौधों पर शोध शुरू किया गया है। चंदन एक परजीवी पौधा है, इसलिए इस पर शोध चल रहा है कि इसका कौन सा मेजबान पौधा (खुराक वाला पौधा) होना चाहिए और इसे कितना खाद और पानी देना चाहिए, ताकि चंदन के पौधे को बेहतर खुराक मिल सके।