Animal Care: जनवरी महीने में इन बातों का रखें विशेष ध्यान, नहीं होंगे आपके पशु बीमार
Jan 2, 2024, 14:27 IST
Animal Care: कड़ाके की सर्दी के कारण जनवरी जानवरों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। खासकर उनकी देखभाल को लेकर. इस दौरान पशु भी गर्मी में आ जाता है। साथ ही, गर्मी के मौसम में गर्भाधान कराए गए पशु इस अवधि के दौरान बच्चे देने की स्थिति में होते हैं। Also Read: Viral: बकरी ने दिया 2 बछड़ों को जन्म, देखकर लोग बोल कुदरत को करिश्मो- करने लगे पूजा-अर्चना
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Animal पशुओं के अफरा होने पर 500 ग्राम सरसों के तेल में 50 ग्राम तारपीन का तेल मिलाकर पशुओं को पिला दें। अपने दैनिक आहार में 50 से 60 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य शामिल करें। जानवरों को बाहरी कीटों से बचाने के लिए बाड़े में स्प्रे करें। गर्भवती एवं बीमार पशु को अवश्य घुमाने ले जाएं। यदि पशु स्वस्थ है तो उसे अवश्य चलाएं। इससे उनके शरीर में गर्मी आएगी. रात को पशु के शरीर पर बोरा बांधकर छत के नीचे रख दें। पशु को ठंड से बचाने के लिए उसके पास धूम्रपान करने का प्रयास न करें। पशुओं के बाड़े को शीतदंश से बचाने के उपाय करें। पशुओं को गर्माहट के लिए गुड़ व तेल दें।
Animal Animal Care: पशु व्यापार का चरम
पशु व्यापार का चरम भी अक्टूबर से जनवरी और फरवरी के बीच होता है। इस दौरान जानवर भी बीमार होते हैं. बीमार होने पर दूध कम हो जाता है। लेकिन समय रहते कुछ सावधानियां बरतने से ऐसी परेशानी और आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है और जानवर भी स्वस्थ रहेंगे।
Animal Animal Care: ठंड के मौसम में जानवरों की देखभाल कैसे की जाए
ठंड के मौसम में जानवरों की देखभाल कैसे की जाए, इसके लिए सरकार और संबंधित विभागों द्वारा समय-समय पर सलाह भी जारी की जाती है ताकि घर पर कुछ आवश्यक कदम उठाकर जानवरों को राहत दी जा सके। विशेष रूप से पहले से ही बीमार और गर्भवती पशुओं के लिए विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।Animal Care: जनवरी में इन बातों का रखना होगा ध्यान
पशु को डॉक्टर की सलाह पर पेट के कीड़े की दवा खिलाएं। डेयरी मवेशियों में थायराइड रोग की रोकथाम के लिए डॉक्टर से परामर्श लें। सारा दूध निकालने के बाद पशु के थन को कीटाणुनाशक घोल में डुबो दें। किसी बछड़े को बैल बनाने के लिए उसे छह महीने की उम्र में बधिया करा दें। खुरपका और मुंहपका रोग से बचाव का टीका लगवाएं। पशुओं को ठंडा नहीं बल्कि साफ और ताजा पानी दें। समय-समय पर पशुओं का बिस्तर बदलते रहें। पशुओं को सर्दी होने पर तुरंत चिकित्सीय सलाह लें।
Animal पशुओं के अफरा होने पर 500 ग्राम सरसों के तेल में 50 ग्राम तारपीन का तेल मिलाकर पशुओं को पिला दें। अपने दैनिक आहार में 50 से 60 ग्राम खनिज मिश्रण अवश्य शामिल करें। जानवरों को बाहरी कीटों से बचाने के लिए बाड़े में स्प्रे करें। गर्भवती एवं बीमार पशु को अवश्य घुमाने ले जाएं। यदि पशु स्वस्थ है तो उसे अवश्य चलाएं। इससे उनके शरीर में गर्मी आएगी. रात को पशु के शरीर पर बोरा बांधकर छत के नीचे रख दें। पशु को ठंड से बचाने के लिए उसके पास धूम्रपान करने का प्रयास न करें। पशुओं के बाड़े को शीतदंश से बचाने के उपाय करें। पशुओं को गर्माहट के लिए गुड़ व तेल दें। 
