Poultry-Dairy: दूध-मीट का बिजनेस करने वालों की बल्ले-बल्ले,आने वाले समय में दाम छुएंगे आसमान!
Poultry-Dairy: दूध, अंडे और चिकन से जुड़े फूड सेक्टर की रफतार किसी से छिपी नहीं है। आजकल अंडा और चिकन 7 से 8 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं। पिछले 10 सालों में दूध में 52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आज भारत दूध उत्पादन और अंडा उत्पादन में दुनिया में तीसरे स्थान पर है। सालाना एक करोड़ टन दूध के उत्पादन के साथ भारत कई बड़े देशों से आगे निकल गया है।
विशेषज्ञों के मुताबिक हर साल यह सेक्टर लगातार 6 से 8 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। यह वाकई देश के लिए बड़ी खुशखबरी की बात है, लेकिन भविष्य में एक समस्या इसका इंतजार कर रही है। यह समस्या पशु उत्पादों के रेट और उत्पादन दोनों को प्रभावित कर सकती है।
दूध, अंडे महंगे होते जा रहे हैं और बाजार में इसकी कमी भी हो रही है। पशु उत्पाद क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दोनों सेक्टर फीड और फोडर पर निर्भर हैं इस कारण दूध, मांस और अंडे में हो सकती है दिक्कत
पोल्ट्री विशेषज्ञ रिंकी थापर ने बताया कि पोल्ट्री फीड में सबसे ज्यादा मक्का का इस्तेमाल होता है, इसके साथ ही सोयामील का भी इस्तेमाल होता है, लेकिन जिस तरह से पशु चिकन का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, उसी हिसाब से फीड की जरूरत भी बढ़ रही है।
अब देश में सोयाबीन के उत्पादन पर नजर डालें तो साल 2023 के अन्दर भारत में लगभग 1.22 करोड़ टन सोयाबीन का उत्पादन हुआ और इसी साल ब्राजील में करीब 16.9 करोड़ टन और 12 करोड़ टन सोयामील का उत्पादन किया गया। तीनों देशों के बीच उत्पादन में बड़ा अंतर देखा जा सकता है।
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आने वाले समय में फीड की मांग और आपूर्ति में अंतर की बड़ी आशंका जताई जा रही है।
रिंकी थापर ने यह भी कहा कि फीड विशेषज्ञों और एक मोटे अनुमान के मुताबिक आने वाले साल 2025-26 में फीड की मांग और आपूर्ति में अंतर काफी बढ़ सकता है। इस तरह देखा जा सकता है कि साल 2023 में पशु आहार का उत्पादन 5.30 करोड़ टन रहा। इस संख्या के साथ भारत फीड उत्पादन में दुनिया में चौथे स्थान पर रहा, जबकि 2022 में 4.65 करोड़ टन उत्पादन हुआ, यानी 13 फीसदी ज्यादा।
अब अगर पोल्ट्री में ब्रॉयलर मुर्गे चिकन की बात करें तो 2022-23 में इसके लिए फीड की मांग करीब 1.60 करोड़ टन से ज्यादा रही, जबकि विशेषज्ञों के मुताबिक 2025-26 में यह 1.86 करोड़ टन होने की उम्मीद जताई जा रही है। अब अगर ब्रॉयलर चिकन के लिए फीड की बात करें तो 2022-23 में 1.19 करोड़ टन की मांग हो रही है, जबकि 2025-26 में यह भी 1.60 करोड़ टन होने की उम्मीद की जा रही है।
डेयरी सेक्टर में भी फीड फोल्डर की मांग बढ़ सकती है
डेयरी सेक्टर में फीड की बात करें तो 1.7 करोड़ टन की मांग के बाद आने वाले साल 2025-26 में यह लगभग 2 करोड़ टन तक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है, जबकि एक साल में यह 24 लाख टन से बढ़कर 31 लाख टन होने की उम्मीद है। देश में फीड की मांग 1.7 करोड़ टन है तो आने वाले 2025-26 में इसके बढ़कर करीब 2 करोड़ टन होने का अनुमान है।
अगर कुल मांग की बात करें तो 2022 में यह करीब 4.7 करोड़ टन थी। उम्मीद है कि 2025-26 में यह बढ़कर 5.70 करोड़ हो सकती है। अब अगर सभी तरह के फीड में सोयामिल की बात करें तो इसकी मांग 60 लाख टन से बढ़कर 70 लाख टन होने का अनुमान है।