Haryana: पराली जलाने की समस्या पर लगाम, हरियाणा सरकार का बड़ा कदम
Haryana: हरियाणा में पराली जलाने पर सख्ती, सरकार की अनोखी पहल
पराली जलाने की समस्या पर लगाम
हरियाणा सरकार ने पराली जलाने की समस्या पर लगाम लगाने के लिए एक कड़ा कदम उठाया है। अब अगर कोई किसान खेतों में पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल पर ऐसे किसानों के रिकॉर्ड में लाल निशान लगाने का फैसला किया है, जिसका मतलब यह है कि जिस किसान के रिकॉर्ड में लाल निशान होगा, वह अगले दो सीजन तक ई-खरीद पोर्टल के जरिए मंडियों में अपनी फसल नहीं बेच पाएगा।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम
यह फैसला किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित करने और पर्यावरण को बचाने के लिए उठाया गया है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक आदेश जारी किया है कि खेतों में आग लगाने के सभी मामलों का रिकॉर्ड रखा जाए। यह कदम प्रदूषण को कम करने और किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देश
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशानुसार अब इस समस्या पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। आयोग के आदेश के अनुसार, जो भी किसान फसल अवशेष जलाते हुए पाए जाएंगे, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। यह आदेश 15 सितंबर से लागू होगा, यानी 15 सितंबर के बाद अगर कोई किसान फसल अवशेष जलाता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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पराली जलाने के नुकसान
पराली जलाने से निकलने वाला धुआं हवा में घुलकर प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहा है और लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है। हरियाणा में फसल अवशेष जलाने की समस्या लगातार बनी हुई है। सरकार द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिर भी किसान इस समस्या से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं।
सरकार की पहल
सरकार ने किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई पहल की हैं। इनमें से एक 'मेरी फसल मेरा ब्योरा' पोर्टल है, जिसके जरिए किसान अपनी फसल की जानकारी दर्ज करा सकते हैं और पराली प्रबंधन के लिए सरकारी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार की यह पहल पराली जलाने की समस्या पर लगाम लगाने में मददगार साबित होगी। सरकार को उम्मीद है कि यह कदम प्रदूषण को कम करने और किसानों को पराली प्रबंधन के वैकल्पिक तरीकों को अपनाने के लिए