Wheat Farming: गेहूं की फसल को ये खरपतवार कर सकता है नष्ट, किसान जल्दी करें बचाव
Wheat Farming: रबी सीजन में गेहूं की बुवाई करने वाले किसान खरपतवार की समस्या से काफी परेशान हैं। यह समस्या है कि जंगली पालक हिरणखुरी खरपतवार गेहूं की फसल में तेजी से फैल रहा है। अगर इसकी रोकथाम नहीं की गई तो यह फसल की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि खरपतवार की रोकथाम के लिए कौन सी दवा और कैसे इस्तेमाल करें
इन दिनों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में गेहूं की फसल में मालवा जंगली पालक और हिरणखुरी खरपतवार का प्रकोप बढ़ रहा है। इसके अलावा फसल में चौड़ी पट्टी वाले खरपतवार भी देखने को मिल रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के परीक्षकों के अनुसार गेहूं में खरपतवारनाशक दवाओं का सही समय पर इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है ताकि किसान अपनी फसलों को खतरनाक खरपतवार से बचा सकें और अच्छी पैदावार ले सकें।
45 दिन के अंदर करें दवा का छिड़काव
उत्तर प्रदेश कृषि विभाग के अनुसार गेहूं की तैयार किस्म में बुवाई के 30 से 40 दिन बाद विभिन्न प्रकार के खरपतवारों की रोकथाम के लिए कौन सी खरपतवारनाशक दवा का प्रयोग करना चाहिए। खरपतवारों पर छिड़काव करना बहुत जरूरी है, क्योंकि स्थानीय किसानों को सिंचाई के 45 दिन बाद दवा का छिड़काव करना चाहिए।
Also Read - इस नस्ल की बकरी आपकों बना देगी मालामाल?
कुलपति ने बताई खरपतवार रोकथाम की यह विधि
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने बताया कि पहली और दूसरी सिंचाई के बाद एक या दो बार निराई-गुड़ाई करके खरपतवारों को खेत से निकालना बहुत जरूरी है। किसानों को फसल की शुरुआत में 30 दिन के अंदर एक बार निराई-गुड़ाई जरूर करना चाहिए।
चौड़ी पट्टी वाले खरपतवारों की रोकथाम के लिए 2, 4-डी खरपतवारनाशी दवा का प्रयोग करें। इसके लिए 250 ग्राम 2, 4-डी सोडियम साल्ट 80% या 300 मिली 2, 4-डी एस्टर 34.6 फीसदी या एलग्रीप 8 ग्राम 250 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में प्रयोग करें।
खरपतवार की रोकथाम के लिए इन दवाओं का प्रयोग करें।
खरपतवार की रोकथाम के लिए खरपतवारों की रोकथाम के लिए कारफेन्ट्राजोन ईथाईल ;एफीनिटीद्ध 40% डीएफ की 20 ग्राम प्रति एकड़ या सभी प्रकार के चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के लिए रोकथाम के लिए लेनफिडा 50% डीएफ मैटसल्फ्यूरॉन 10% कारफेन्ट्राजोन 40% मिश्रण की 20 ग्राम मात्रा 1 एकड़ 0.2% सहायक पदार्थ के हिसाब से 200, 250 लीटर पानी में मिलाकर इसका इस्तेमाल करें
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेहूं की फसल में कनकी व जंगली जैसे खरपतवारों की रोकथाम के लिए दवाओं का छिड़काव 35 दिन बाद करना चाहिए। इसके लिए आइसोप्रोटूरान 50 प्रतिशत टोलकान, टारस, ग्रेमिनानए नोसीलोन, रक्षक, हैक्सामार, इफ्को, आईसोप्रोटूरान, एग्रीलान, मिलरोन की 800 ग्राम दवा को 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए।