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Suran culivation: सूरन की खेती उन्नत किस्में खासियतें और किसानों की कमाई
 

सूरन की खेती एक लाभदायक विकल्प है जो किसानों को अच्छी आय प्रदान कर सकती है। सूरन एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है जिसकी मांग बाजार में हमेशा रहती है
 

सूरन की खेती एक लाभदायक विकल्प है जो किसानों को अच्छी आय प्रदान कर सकती है। सूरन एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है जिसकी मांग बाजार में हमेशा रहती है। यहाँ कुछ उन्नत किस्में और उनकी खासियतें हैं:

उन्नत किस्में:

1. पूसा सूरन-1: यह किस्म जल्दी पकने वाली है और इसकी उपज अधिक होती है।
2. पूसा सूरन-2: यह किस्म रोग प्रतिरोधी है और इसकी गुणवत्ता अच्छी होती है।
3. केएस-103: यह किस्म उच्च उपज देने वाली है और इसकी मांग बाजार में अधिक होती है।
4. आरके 87: यह किस्म जलवायु परिवर्तन के अनुकूल है और इसकी उपज स्थिर रहती है।

खासियतें:

1. जल्दी पकने वाली किस्में: ये किस्में 100-120 दिनों में पक जाती हैं।
2. उच्च उपज: उन्नत किस्में अधिक उपज देती हैं।
3. रोग प्रतिरोधी: कुछ किस्में रोगों के प्रति प्रतिरोधी हैं।
4. जलवायु अनुकूलता: कुछ किस्में जलवायु परिवर्तन के अनुकूल हैं।
5. बाजार मांग: सूरन की मांग बाजार में हमेशा रहती है।

खेती के लिए आवश्यक बातें:

1. मिट्टी का चयन: सूरन के लिए उपजाऊ मिट्टी का चयन करें।
2. बीज का चयन: उन्नत किस्मों के बीज का चयन करें।
3. जलवायु: सूरन के लिए शीतोष्ण जलवायु उपयुक्त है।
4. सिंचाई: नियमित सिंचाई आवश्यक है।
5. उर्वरकों का उपयोग: उर्वरकों का उपयोग करके उपज बढ़ाएं।

सूरन की खेती से किसानों को अच्छी आय प्रदान करने की क्षमता है। उन्नत किस्मों का चयन करके और खेती के लिए आवश्यक बातों का पालन करके किसान अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं।

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