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Mustard Farming Tips: सरसों की फसल को खत्म कर सकते हैं ये कीट, अभी करें इन कीटों को खत्म

सरसों की फसल (Mustard Farming)  के लिए लाही कीट गंभीर खतरा बनता जा रहा है। ये छोटे, काले या काले रंग के कीट पौधों का रस चूसकर उनकी वृद्धि को रोक देते हैं। लाही कीट के पौधों पर हमला करने पर धीरे-धीरे पौधों की पत्तियां मुरझाने लगती हैं और पौधों की वृद्धि रुकने लगती है और पौधे कमजोर हो जाते हैं।
 

Mustard Farming Tips: सरसों रबी की एक प्रमुख तिलहनी फसल माना जाता है। इस फसल का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है। वहीं, देश के कई राज्यों में सरसों की फसल (Mustard Farming) पर कई रोगों का प्रकोप और असर दिखाई दे रहा है। दरअसल, लगातार पड़ रही कड़ाके की ठंड और कोहरे के कारण सरसों की फसल पर कीटों का प्रकोप जमकर बढ़ रहा है।

इसके कारण किसान कहीं न कहीं सरसों की फसल की पैदावार को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं, क्योंकि ये कीट पैदावार को काफी कम कर सकते हैं और किसानों पर आर्थिक बोझ काफी बढ़ जाएगा। इसके लिए कीटों की पहचान करना सबसे जरूरी है। ऐसे में राज्य के कृषि विभाग ने सरसों की फसल पर हमला करने वाले दो प्रमुख कीटों की पहचान और उन पर नियंत्रण का वैज्ञानिक तरीका बताया है। आइए जानते हैं सरसों में कीटों की पहचान और उनकी रोकथाम के बारे में।

सरसों में लाही कीट के लक्षण (Symptoms of aphids in mustard)

सरसों की फसल (Mustard Farming)  के लिए लाही कीट गंभीर खतरा बनता जा रहा है। ये छोटे, काले या काले रंग के कीट पौधों का रस चूसकर उनकी वृद्धि को रोक देते हैं। लाही कीट के पौधों पर हमला करने पर धीरे-धीरे पौधों की पत्तियां मुरझाने लगती हैं और पौधों की वृद्धि रुकने लगती है और पौधे कमजोर हो जाते हैं। जिससे फलियों में बनने वाले दाने नहीं बन पाते और फसल का उत्पादन भी काफी मात्रा में प्रभावित होता है।

लाही कीट से बचाव के उपाय (Measures to prevent lac insect)

लाही कीट से फसल को बचाने के लिए प्रति एकड़ खेत में 5 से 6 पीली  स्टिकी ट्रिप्स लगानी चाहिए। यह ट्रिप्स कीटों को आकर्षित कर उन्हें फंसा लेती है, जिससे उनकी संख्या में काफी कमी आ जाती है। इसके अलावा समय-समय पर खेत से खरपतवार निकालते रहना चाहिए, ताकि कीट खेत में न आ पाएं और उनका प्रकोप कम हो सके।

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साथ ही जब सरसों की फसल 40 से 45 दिन की हो जाए और लाही कीट का प्रकोप दिखाई दे, तो इस दवा की 200 मिलीमात्रा को क्लोरोपायरीफॉस 20% ec 200, 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में अच्छी तरह से छिड़काव करें। इससे लाही कीटे और अन्य कीट नष्ट हो सकते हैं।

आरा मक्खी किट के लक्षण (Symptoms of Sawfly Kits)

सरसों की फसल को नुकसान पहुंचाने वाली आरा मक्खी किट को अंग्रेजी में सॉ फ्लाई कहते हैं। इस कीट के लार्वा काले और भूरे रंग के होते हैं, जो पत्तियों के किनारों या पत्तियों पर रहते हैं। ये पौधे के बीच में बनते हैं। ये सरसों के पत्तों को टेढ़े-मेढ़े तरीके से खाते रहते हैं और उसमें छेद भी कर देते हैं। आरा कीट पूरे पौधे की पत्तियों को खा जाता है और पौधा पत्ती रहित हो जाता है, जिसका उत्पादन पर बहुत असर पड़ता है।

कैसे करें नियंत्रण

आरा मक्खी कीट को नियंत्रित करने के लिए पौधे के थोड़ा-थोड़ा बढ़ने पर सिंचाई करना बहुत फायदेमंद माना जाता है क्योंकि ज्यादातर लार्वा पानी में डूबकर मर जाते हैं। साथ ही आरा मक्खी के बच्चों को सुबह-शाम इकट्ठा करके नष्ट कर देना चाहिए। इसके अलावा अंतिम उपचार के तौर पर करेले के तेल का भी इस्तेमाल करना चाहिए।

इस कीट का संक्रमण होने पर फसल पर 50 सीसी 400 मिली प्रति एकड़ क्विनालफॉस 25 ईसी,  250 मिली दवा को 200 से 250 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए। इस तरह से आप आरा मक्खी के संक्रमण को खत्म कर सकते हैं।

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