Mustard farming: सरसों की खेती में लागत से 10 से 15 गुना ज्यादा कमाना चाहते हैं मुनाफा, तो फसल में करें ये जरूरी काम
Farming: सरसों की खेती बहुत ही मुनाफे का सौदा है। किसान लागत से कई गुना ज्यादा भी कमा सकते हैं। लेकिन उन्हें खेती इस तरह से करनी होगी कि उन्हें भरपूर उत्पादन मिले। इस खेती में बुवाई से लेकर कटाई और फिर उपज बेचने तक सब कुछ शामिल है।
हालांकि बुवाई तो हो चुकी है, लेकिन अगर किसान इसके आगे का काम सही तरीके से करें तो आमदनी और मुनाफा बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। आज हम इसी मुद्दे पर बात करेंगे।
खेती के बारे में बात करने से पहले मुनाफे के बारे में जान लेते हैं। दरअसल सरसों की खेती एक ऐसा काम है जिसे अगर सही तरीके से किया जाए तो 10-12 गुना मुनाफा मिल सकता है।
आम तौर पर एक एकड़ सरसों की बुवाई में 4000 रुपये तक का खर्च आता है। इससे आप आसानी से प्रति एकड़ 14-15 क्विंटल सरसों प्राप्त कर सकते हैं।
अगर एक क्विंटल सरसों 4000-5000 रुपये में बिकती है तो यह रकम 60,000 रुपये तक जा सकती है। अगर सरसों के दाने मजबूत और बड़े हैं तो यह आमदनी और भी बढ़ सकती है।
इस तरह आप 4,000 रुपये लगाकर 15 गुना तक की कमाई कर सकते हैं. ऐसे कई किसानों को लाभ मिल रहा है. इतनी कमाई के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना पड़ता है. क्या हैं ये बातें, आइए जानते हैं.
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कितने दिन में पानी दें
सरसों को बहुत ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती, लेकिन समय के साथ सही मात्रा में पानी देना जरूरी है. देखा जाए तो पहली सिंचाई बुवाई के साथ, दूसरी सिंचाई बुवाई के कम से कम 25-30 दिन बाद, तीसरी सिंचाई बुवाई के लगभग 45-50 दिन बाद और आखिरी सिंचाई बुवाई के 70-80 दिन बाद करनी चाहिए. इस तरह चार सिंचाई में सरसों की फसल तैयार हो जाती है.
सरसों की ग्रोथ कैसे बढ़ाएं
सरसों की ग्रोथ और फूल व फलियों के विकास का भी ध्यान रखना पड़ता है. इसके लिए सरसों को सही समय पर पोषक तत्वों की मात्रा देनी होती है.
इसमें सबसे अहम नाम पोटाश और जिंक खाद का है. सरसों की बुवाई से पहले मिट्टी में पोटाश मिलाया जाता है. लेकिन जिंक बाद में दिया जाता है। इसलिए आपको जिंक खाद पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
सरसों में जिंक कब डालें
सरसों के फूल और फली की वृद्धि के लिए जिंक का इस्तेमाल किया जाता है। जब सरसों में फूल और फली बनने लगे तो जिंक सल्फेट का घोल बनाकर पौधे पर छिड़कना चाहिए।
इससे सरसों की पैदावार बढ़ती है। दाने बड़े होते हैं और उनमें तेल की मात्रा बढ़ती है। इसी तरह सरसों से ज्यादा पैदावार के लिए सल्फर का भी इस्तेमाल किया जाता है।
सरसों को कितना यूरिया देना चाहिए
सरसों से ज्यादा पैदावार के लिए यूरिया का प्रयोग किया जाता है। पहली सिंचाई के समय यूरिया देने का नियम का भी है। पहली सिंचाई के बाद 100 लीटर पानी में 2 किलो यूरिया और आधा किलो जिंक का घोल बनाकर सरसों पर छिड़कना चाहिए।
पहला छिड़काव बुवाई के 45 दिन बाद और दूसरा छिड़काव उसके 20 दिन बाद करना चाहिए। इससे अच्छी पैदावार मिलती है।