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Mustard farming: सरसों की जबरदस्त पैदावार के लिए अपनांए ये उपाय, मिलेगा भरपूर फायदा

सरसों के फूलों का आकार बढ़ाने के लिए किसान काफी प्रयास करते हैं। अगर फूल का आकार बड़ा होगा तो आयतन भी बड़ा होगा। अगर बालीया बड़ी होगी तो उसमें दाने ज्यादा आएंगे और अगर दाने ज्यादा आएंगे तो पैदावार भी ज्यादा होगी।
 

Mustard farming: सरसों के फूलों का आकार बढ़ाने के लिए किसान काफी प्रयास करते हैं। अगर फूल का आकार बड़ा होगा तो आयतन भी बड़ा होगा। अगर बालीया बड़ी होगी तो उसमें दाने ज्यादा आएंगे और अगर दाने ज्यादा आएंगे तो पैदावार भी ज्यादा होगी।

किसानों को तेल भी ज्यादा मात्रा में मिलेगा, इसीलिए किसान फूलों का आकार बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देते हैं। किसान बाली का आकार बढ़ाने पर भी ज्यादा ध्यान देते हैं। तो चलिए आज इस बारे में जानते हैं।

Mustard farming: सरसों की जबरदस्त पैदावार के लिए अपनांए ये उपाय, मिलेगा भरपूर फायदा

सरसों के फूलों के फूल और आकार को बढ़ाने के लिए फसल पर हल्के कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए 100 थियामेथोक्साम को 25 प्रतिशत  डबल्यूजी और 300 ग्राम टेबुकोनाजोल 10 प्रतिशत सल्फर 65% डबल्यूजी के साथ मिलाकर 200 लीटर पानी में प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव किया जाता है।

जानिए कैसे बढ़ाएं फूलों का आकार

फूलों की संख्या और आकार बढ़ाने के लिए सरसों की छंटाई भी काफी कारगर है। पौधे के मुख्य तने को ऊपर से पतली डंडी से काट देना चाहिए। ऐसा करने से सरसों में शाखाओं की संख्या बढ़ती है और फूल भी आने लगते हैं। साथ ही पैदावार में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी होती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जब सरसों लगभग 30 से 35 दिन की हो जाए और फूल आने की प्राथमिक अवस्था में हो, तब उसके पौधों को मुख्य तने के ऊपर से पतली डंडी से काट देना चाहिए। ऐसा करने से मुख्य तने की वृद्धि कम हो जाती है और शाखाओं की संख्या बढ़ने लगती है, जिससे पैदावार में करीब 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी होती है।

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Mustard farming: सरसों की जबरदस्त पैदावार के लिए अपनांए ये उपाय, मिलेगा भरपूर फायदा

अगर खेत में पानी कम है तो 500 पीपीएम थायोयूरिया और 20 पीपीएम थायोग्लाइकोलिक एसिड का घोल बनाकर छिड़काव कर सकते हैं। पहला छिड़काव 50 फीसदी फूल आने की अवस्था पर करें और दूसरा छिड़काव 20 दिन बाद ही करें। इससे फूलों की संख्या और आकार बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।

फसल में इन खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है।

सरसों की भरपूर पैदावार लेने के लिए रासायनिक खादों के अलावा केंचुआ खाद, गोबर और कम्पोस्ट खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर किसान सरसों से भरपूर उत्पादन चाहते हैं तो उन्हें संतुलित मात्रा में रासायनिक खादों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिससे पैदावार पर अच्छा असर हो सकता है और अच्छी उपज मिल सकती है।

मिट्टी की जांच के आधार पर खादों का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद होता है। सरसों को नाइट्रोजन, सल्फेट और पोटाश जैसे प्राथमिक तत्वों के अलावा  गंधक की भी जरूरत होती है। अगर  गंधक उचित मात्रा में उपलब्ध हो तो सरसों के दाने बड़े होते हैं और इसमें तेल की मात्रा भी अधिक पाई जाती है।

अगर आप सरसों का मिश्रण बना रहे हैं तो एक बात का ध्यान रखें कि इसे ज्यादा देर तक न रखें वरना यह बासी हो जाएगा और इसके खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी। अगर आप मिश्रण बनाते हैं तो इसे जल्द ही इस्तेमाल कर लें। इसे खाने के समय देना ज्यादा फायदेमंद होता है।

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