Farming News: किसान अपनी फसलों को शीतलहर के कहर से कैसे बचाएं, जानें आसान उपाय
Farming News: देश के कई राज्यों में शीतलहर का दायरा जारी हो चुका है, जो आने वाले कई दिनों तक जारी रहेगा। अगले कुछ दिनों में शीतलहर का दायरा बढ़ने की संभावना है। ऐसे में किसानों को फसलों की अधिक देखभाल करने की जरूरत है।
फसलों में कीट, रोग आदि का खतरा बना हुआ है, जो फसल को नष्ट होने में ज्यादा समय नहीं लेंगे। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात और कच्छ समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में शीतलहर आ चुकी है।
शीत लहर से फसलों को नुकसान होगा ( Cold wave will damage crops )
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार इस मौसम में किसानों के लिए फसलों की सुरक्षा करना बहुत जरूरी है। इस मौसम में गेहूं, मटर और आलू जैसी फसलें बोई गई हैं, जिन पर शीतलहर का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इन फसलों में झुलसा रोग का भी खतरा बना हुआ है, जिसके लिए दवाओं का छिड़काव करना बहुत जरूरी है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार शीतलहर चलने पर गेहूं के खेतों में हल्की सिंचाई करना अच्छा माना जाता है।
इससे फसल शीत लहर के दुष्प्रभाव से बच जाती है। इसी तरह आलू के खेतों में भी पानी भरने की सलाह दी जाती है। फसलों को ढकने की व्यवस्था करें जब तापमान चार डिग्री या इससे कम होता है तो फसलों में पाला पड़ने की संभावना अधिक होती है। फसलों को पाले से बचाने के लिए फसलों को रात में प्लास्टिक कवर से ढक देना चाहिए जिससे तटीय पुल बन जाए।
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इससे फसल सुरक्षित रहेगी लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि फसल को किसी चीज से ढकने से पहले देख लें कि वह वस्तु भारी न हो, नहीं तो फसल को नुकसान पहुंचेगा, पौधे टूट जाएंगे और आपकी फसल नष्ट हो जाएगी।
सरसों की फसल को पाले से कैसे बचाएं? ( How to protect mustard crop from frost? )
सरसों को पाले से बचाने के लिए फसल पर थायोयूरिया का छिड़काव भी करने की सलाह दी जाती है। इसके लिए आधा ग्राम थायो यूरिया या 2 ग्राम घुलनशील सल्फर को 1 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार करें और फिर इसका इस्तेमाल करें। इससे फसल 15 दिन तक सुरक्षित रहेगी।
शीतलहर के दौरान फलों और सब्जियों के पौधों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। ऐसे महीनों में रात के समय उन्हें प्लास्टिक शीट से ढक देना चाहिए ताकि ज्यादा समय न लगे और रात में मिट्टी का तापमान भी न गिरे। सुबह सूरज निकलने पर प्लास्टिक शीट हटा देनी चाहिए।