Movie prime

पीला नहीं काले गेहूं से किसान कर सकते हैं अपनी आमदनी दुगनी, जानिए कैसे

 
पीला नहीं काले गेहूं से किसान कर सकते हैं अपनी आमदनी दुगनी, जानिए कैसे
Aapni Agri, Farming देश में कई ऐसे लोग भी होंगे, जिन्होंने अभी तक ’काले गेहूं’ के बारे में कभी नहीं सुना होगा. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पीले गेहूं की तुलना में काले गेहूं की खेती से किसान अपनी आमदनी सीधे दोगुनी कर सकते हैं. भारत के कई राज्यों में काले गेहूं की खेती होती है. आज हम आपको बताएंगे कि और कहां-कहां होता है इसका उपयोग.
इतने दिन में तैयार होता है काला गेहूं
Also Read:  इन पांच तकनीकों से करें आम के पौधे में ग्राफ्टिंग, एक ही पेड़ पर लगा सकेंगे कई किस्में काले गेहूं की खेती किसी भी मिट्टी में संभव हो सकती है. लेकिन इसे उगाने के लिए ठंडे तापमान की बेहद जरुरत होती है. रोपाई के बाद काला गेहूं तैयार होने में ज्यादा टाईम लेता है. कुछ लोग ये भी बताते हैं कि यह लगभग 100 से 120 दिनों में तैयार होता है. इसका मतलब है कि रोपाई के बाद से लगभग इसे पकने में 3 से 4 महीने का टाईम लगता है. हालांकि, यह समय भिन्न-भिन्न कारकों और विभिन्न क्षेत्रों पर भी निर्भर करता है.
यहां होता है काले का गेहूं का उपयोग
Also Read:  तरबूज की खेती ने बदली इस किसान की किस्मत, जानें कैसे काले गेहूं को आमतौर पर रेस्टोरेंट या भोजनालयों में ब्रेड, बिस्किट, केक, आदि चीजे बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा, काले गेहूं को धान के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है और इससे मक्की के ब्रेड, दालिया और आलू वड़े आदि बनाए जाते हैं. इसके साथ ही काले गेहूं में भारी मात्रा में पोषक तत्व भी पाए जाते हैं.  यह विशेष रूप से उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पाया जाता है. यहां तक कि इसे पहाड़ी फसल के रूप में ही जाना जाता है.
इतना होगा फायदा
1 एकड़ में काले गेहूं का उत्पादन लगभग 800 से 1000 किलोग्राम तक हो सकता है. वहीं, कुछ क्षेत्रों में पैदावार इससे भी अधिक हो सकती है. अगर हम इससे होने वाले फायदे की बात करें तो पीले गेहूं की कीमत बाजार में 1870 रुपये प्रति क्विंटल मिलता है. वहीं, काले गेहूं का भाव बाजार में 5000 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल जाता है.  किसानों के लिए काले गेहूं की खेती कितनी फायदेमंद है.