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किसान सावधान! सरसों में फैल रहा है ये रोग, हो जाए सतर्क

सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। कुछ राज्यों से खबर आ रही है कि सरसों के पत्तों पर गोल भूरे रंग के धब्बे बन रहे हैं। अगर आपने भी सरसों की खेती की है तो पौधों की पूरी निगरानी करें। अगर पत्तों पर ऐसा कुछ दिखाई दे तो सर्तक हो जाएं।
 

Sarso Farming: सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। कुछ राज्यों से खबर आ रही है कि सरसों के पत्तों पर गोल भूरे रंग के धब्बे बन रहे हैं। अगर आपने भी सरसों की खेती की है तो पौधों की पूरी निगरानी करें। अगर पत्तों पर ऐसा कुछ दिखाई दे तो सर्तक हो जाएं। दरअसल सरसों के पत्तों पर गोल बड़े धब्बे झुलसा रोग ( spot blight disease ) का संकेत बताए जा रहे हैं।

यह शुरुआती दौर से कभी भी हो सकता है। यह धब्बा रोग है जो सरसों की फसल को नष्ट कर देगा। सबसे पहले इस रोग के लक्षण के बारे में जान लेते हैं। झुलसा रोग में सरसों के पत्तों पर गोल धब्बे दिखने लगते हैं। फिर ये धब्बे आपस में मिलकर पत्तों को उलझा देते हैं। इसके बाद पत्तो के बीच में धब्बे दिखने लगते हैं। रोग बढ़ने पर तने, शाखाओं और पत्तियों पर गहरे भूरे रंग के धब्बे फैल जाते हैं।

किसान सावधान! सरसों में फैल रहा है ये रोग, हो जाए सतर्क

पत्तों पर धब्बे तने पर गोल और लंबे होते हैं। बाद में इसमें फलियां भी प्रभावित होने लगती हैं जिससे फलियों के दाने सिकुड़ कर पीले रंग के हो जाते हैं। ऐसे में बुवाई से पहले झुलसा रोग पर नियंत्रण के लिए जब सरसों को मेन्कोजेब ( Mancozeb ) 3 ग्राम प्रति किलोग्राम की दर से उपचारित करें। रोग की शुरुआत में दवा को 2.5 ग्राम प्रति लीटर की दर से पानी में घोलकर 10 दिन के अंतराल पर दो-तीन बार छिड़काव करना चाहिए।

किसान सावधान! सरसों में फैल रहा है ये रोग, हो जाए सतर्क

झुलसा रोग की तरह सरसों भी सफेद रतुआ या सफेद कीट रोग से प्रभावित होता है। यह रोग हर जगह पाया जाता है। तापमान 10 से 15 डिग्री के आसपास होने पर पौधों की पत्तियों के निचले हिस्से पर सफेद रंग के फल जैसे छाले बन जाते हैं। रोग बढ़ने पर ये छाले आपस में जुड़कर बड़ा आकार ले लेते हैं।

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फिर पत्ती पर गहरे भूरे रंग के धब्बे भी दिखाई देने लगते हैं। रोग बढ़ने पर फूल और फूलदार केकड़े की तरह खुला हुआ दिखाई देने लगता है। इसलिए किसानों को इस रोग के आने से पहले ही एहतियात बरतनी चाहिए और अपनी फसलों पर नजर रखनी चाहिए ताकि समय रहते इस रोग को खत्म किया जा सके।

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