किसानों के लिए आवश्यक: सरसों की कीमतों पर साप्ताहिक रिपोर्ट
भारत में पाम तेल की कीमतों में वृद्धि का असर विदेशी बाजारों में पाम तेल की कीमतों पर है।
नाफेड की भारी सप्लाई ने बाजार पर दबाव डाला और सरसों तेल की कीमतों में भी बदलाव देखा।
विशेषज्ञों से सुझाव: ऊपरी स्तरों से लाभ उठाकर स्टॉक करें।
भारतीय सरसों बाजार Mustard Market में पिछले सप्ताह काफी उथल-पुथल देखने को मिला। सोमवार को सरसों की कीमत 6550 रुपए प्रति क्विंटल थी, लेकिन शुक्रवार तक यह 6725 रुपए पर पहुंच गई। किंतु शनिवार को बाजार में फिर दबाव देखा गया और भाव 6650 रुपए पर आ गया।
भरतपुर मंडी में भी ऐसा ही हुआ; सोमवार को सरसों 6171 रुपए प्रति क्विंटल पर था, लेकिन शुक्रवार तक यह 6450 रुपए पर पहुंच गया और शनिवार को 6350 रुपए पर पहुंच गया। पूरे सप्ताह में जयपुर मार्केट Market 100 रुपए और भरतपुर मार्केट 180 रुपए मजबूत हुए। विदेशी बाजारों की स्थिरता के चलते सरसों तेल की कीमत भी 3 रुपए प्रति किलो बढ़ी।
विदेशी बाजार Overseas Markets
विदेशी बाजारों में पाम तेल के भाव में तेजी इस सप्ताह सरसों के भाव में तेजी का मुख्य कारण रही। मलेशिया और इंडोनेशिया में उत्पादन में कमी से पाम तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जो भारत के सरसों बाजार Mustard Market पर भी प्रभाव डाला है। हालाँकि, विदेशी बाजारों Overseas Markets में सुधार से भारतीय बाजार भी प्रभावित हुआ, जिससे सरसों की कीमत में गिरावट आई।
विशेषज्ञों का मत है कि सरसों तेल Mustard Oil की कीमतों पर आने वाले दिनों में भी विदेशी बाजारों का प्रभाव रह सकता है। विदेशी बाजारों में मंदी के कारण पहले ही तेल में १४-१५ रुपये प्रति किलो की गिरावट आई है।
नैफेड का कार्य और आपूर्ति
नैफेड की आपूर्ति भी सरसों के बाजार Mustard Market में महत्वपूर्ण है। सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में किसानों से अधिक सरसों की खरीद की है, लेकिन अब नैफेड तेजी से सरसों की आपूर्ति कर रहा है, जब कीमत एमएसपी से 800 रुपये अधिक है। इससे सरसों Mustard और सरसों तेल Mustard Oil की कीमतें नियंत्रण में हैं।
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याद रखें कि सरकार ने खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है, लेकिन सरसों तेल की कीमत सिर्फ 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है। नैफेड की आपूर्ति और विदेशी बाजार का प्रभाव स्पष्ट रूप से सरसों तेल की कीमतों को स्थिर रखने में सहायक हैं।
विदेशी बाजार Overseas Markets विश्लेषकों का क्या विचार है?
जनवरी का पाम ऑयल वायदा मलेशिया के वायदा बाजार Market में 0.29% गिरकर 4520 रिंगिट प्रति टन पर आ गया। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इंडोनेशिया के बी40 कार्यक्रम और उत्पादन में गिरावट अस्थायी हो सकती है। पिछले सप्ताह पाम ऑयल में 6.53% की तेजी हुई, जिससे स्पष्ट है कि इसके दाम भविष्य में फिर से बढ़ सकते हैं। अमेरिका में भी ऐसा ही है, जहां सोयाबीन तेल वायदा में लगभग 2% की कमी आई है।
भारतीय बाजार में सरसों के भाव की स्थिति
यह भी महत्वपूर्ण है कि इस सप्ताह भारत के प्रमुख बाजारों Market में सरसों Mustard के भाव का विश्लेषण किया जाए। जयपुर में कच्ची घानी की कीमत 10 रुपये प्रति 10 किलोग्राम बढ़कर 1375 रुपये और 1365 रुपये हो गई है। साथ ही, सरसों खली की कीमत 2479 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रही। भरतपुर, दिल्ली, चरखी दादरी, अलवर और मुरैना समेत अन्य बाजारों में भी सरसों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है।
व्यापारियों और किसानों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
आने वाले समय में सरसों के बाजार Mustard Market में व्यापारियों और किसानों को सतर्क रहना चाहिए। नैफेड की बिक्री और विदेशी बाजार की स्थिति के कारण सरसों की कीमत में आगे भी गिरावट रहने की संभावना है। यह बाजार Markets के ऊपरी स्तरों का फायदा उठाकर स्टॉक निकालने का अच्छा मौका है किसानों और व्यापारियों के लिए ।
फिलहाल, सरसों की आवक 2,75,000 बोरी पर स्थिर है, जो सामान्य से कम है, इसलिए दिवाली तक भारी गिरावट की संभावना कम है। फिर भी, भाव भारतीय बाजार Market में भी कम हो सकते हैं जैसे ही विदेशी बाजार स्थिर होगा।
उत्कर्ष
सरसों के बाजार Mustard Market में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा और विदेशी बाजार की परिस्थितियों से इसका मूल्य निर्धारित होगा। वर्तमान समय में किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और बाजार Market में हो रहे बदलावों पर नजर रखें। व्यापारी बड़े स्टॉक के साथ बैठे हैं, इसलिए उच्च स्तर का फायदा उठाकर अपने उत्पादों को बेच सकते हैं।