Cultivation of Garlic: परंपरागत खेती से कई गुणा फायदेमंद है लहसुन की खेती, जानें तरीका व लाभ
- दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त
- अच्छी कीमत और बाजार मांग
Cultivation of Garlic: नवंबर का महीना शुरू होने वाला है और किसान इस महीने में एक तरफ जहां गेहूं की फसल बोएगा वहीं दूसरी तरफ प्याज व लहसुन की खेती भी कई किसान करते हैं। अक्टूबर-नवंबर के महीने में किसान लहसुन की खेती Cultivation of Garlic कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं।
लहसुन की खेती सभी तरह की मिट्टी में की जा सकती है, लेकिन दोमट मिट्टी में इसकी खेती के अधिक फायदे हैं (Soil Requirements। यह खेती में Sustainable Agriculture का एक अच्छा उदाहरण है। तो आज हम आपको इस खबर के माध्यम से लहसुन की खेती से जुड़ी हर छोटी बड़ी बातें बताएंगे जो आपके बड़ी काम आने वाली है.
खेत की तैयारी Preparation of field
पहला चरण: जुताई Ploughing
1. खेत को दो-तीन बार जुताई करें।
2. जुताई के बाद खेत को समतल करें।
3. खेत में मौजूद पत्थर, गिट्टी आदि को हटाएं।
दूसरा चरण: खाद डालना
1. 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गोबर डालें।
2. 50 किलो नाइट्रोजन, 60 किलो फॉस्फोरस और 100 किलो पोटाश डालें।
3. सड़े हुए गोबर को मिट्टी में मिलाएं।
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तीसरा चरण: कतारें बनाना
1. मेड़नुमा कतारें बनाएं।
2. कतारों के बीच 15 सेमी और पौध से पौध के बीच 8 सेमी दूरी रखें।
3. कतारों को समतल और सीधा रखें।
चौथा चरण: सिंचाई
1. खेत को पानी से सींचें।
2. पानी की मात्रा को नियंत्रित रखें।
3. सिंचाई के बाद खेत को समतल करें।

खाद-पानी देने का तरीका Method of giving fertilizer and water
खाद देने का तरीका
1. सड़ा हुआ गोबर: 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
2. नाइट्रोजन: 50 किलो प्रति हेक्टेयर।
3. फॉस्फोरस: 60 किलो प्रति हेक्टेयर।
4. पोटाश: 100 किलो प्रति हेक्टेयर।
5. कॉम्पोस्ट: 10-15 टन प्रति हेक्टेयर।
6. वर्मीकॉम्पोस्ट: 5-10 टन प्रति हेक्टेयर।
पानी देने का तरीका
1. सिंचाई की आवृत्ति: 8-12 दिनों में।
2. पानी की मात्रा: 20-25 सेमी प्रति हेक्टेयर।
3. सिंचाई के तरीके: ड्रिप सिंचाई, स्प्रिंकलर सिंचाई।
4. पानी की गुणवत्ता: pH 6.5-7.5।
खाद-पानी देने का समय
1. बुआई से पहले: सड़ा हुआ गोबर और कॉम्पोस्ट।
2. बुआई के बाद: नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश।
3. फूल आने से पहले: वर्मीकॉम्पोस्ट।
4. फसल कटाई से पहले: पानी की आखिरी सिंचाई।
सुझाव
1. मिट्टी की जांच करें।
2. खाद-पानी की मात्रा को नियंत्रित रखें।
3. नियमित रूप से खेत की जांच करें।
4. स्थानीय विशेषज्ञों की सलाह लें।

लहसुन Garlic में लगने वाले कीट और रोग Pests and diseases of garlic
कीट
1. थ्रिप्स (पर्णजीवी कीट): पत्तियों पर सफेद धब्बे और सूखना।
2. मक्का कीट: पत्तियों पर छेद और सूखना।
3. लहसुन कीट: पत्तियों पर सफेद धब्बे और सूखना।
4. तंबाकू कीट: पत्तियों पर छेद और सूखना।
5. एफिड: पत्तियों पर काले धब्बे और सूखना.
रोग
1. अंगमारी रोग (सफेद धब्बे): पत्तियों पर सफेद धब्बे और सूखना।
2. लहसुन का रोग (काला धब्बा): पत्तियों पर काले धब्बे और सूखना।
3. पाउडरी मिल्ड्यू: पत्तियों पर सफेद पाउडर जैसे धब्बे।
4. फसल रोग (जंग): पत्तियों पर पीले और काले धब्बे।
5. बैक्टीरियल लीफ स्पॉट: पत्तियों पर काले धब्बे और सूखना.

बचाव के तरीके Rescue Methods
कीट नियंत्रण
1. रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग (कार्बोफ्यूरान, फोरेट, क्लोरोपायरीफॉस)
2. जैविक कीटनाशकों का उपयोग (नीम का तेल, पायरेथ्रम)
3. फसल चक्र
4. स्वच्छता
5. नियमित जांच
6. विशेषज्ञों की सलाह
7. प्रतिरोधी किस्मों का चयन
8. सिंचाई का नियंत्रण
9. खाद का उपयोग
10. फसल बीमारी प्रबंधन
रोग नियंत्रण
1. फंगलनाशकों का उपयोग (मैनकोजेब, कॉपर ऑक्सीक्लोराइड)
2. बैक्टीरियनाशकों का उपयोग (कॉपर ऑक्सीक्लोराइड)
3. वायरसनाशकों का उपयोग (रोगन)
4. फसल चक्र
5. स्वच्छता
6. नियमित जांच
7. विशेषज्ञों की सलाह
8. प्रतिरोधी किस्मों का चयन
9. सिंचाई का नियंत्रण
10. खाद का उपयोग
सामान्य सुझाव
1. लहसुन की फसल Cultivation of Garlic को नियमित रूप से जांचें।
2. कीट और रोग के लक्षणों को पहचानें।
3. समय पर कार्रवाई करें।
4. विशेषज्ञों की सलाह लें।
5. स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लें।
6. रसायनों का उपयोग सावधानी से करें।
7. व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण पहनें।
8. फसल बीमारी प्रबंधन के लिए योजना बनाएं।
9. फसल की स्वच्छता बनाए रखें।
10. लहसुन की फसल Cultivation of Garlic के लिए उपयुक्त किस्मों का चयन करें।

लहसुन Garlic की खुदाई और भंडारण Digging and storing garlic
लहसुन की खुदाई Digging up garlic
1. समय: लहसुन की फसल Cultivation of Garlic 120-150 दिनों में तैयार हो जाती है।
2. खुदाई का समय: जब पत्तियाँ पीली पड़ने लगें और तने सूखने लगें।
3. खुदाई का तरीका: खुरपे या फावड़े से धीरे-धीरे खुदाई करें।
4. सावधानी: लहसुन के कंदों को नुकसान न पहुँचाएं।
5. साफ-सुथरा: खुदाई के बाद लहसुन को साफ करें।
लहसुन का भंडारण Storing Garlic
1. स्थान: सूखी, हवादार और ठंडी जगह पर भंडारण करें।
2. तापमान: 10-15 डिग्री सेल्सियस।
3. आर्द्रता: 60-70%।
4. भंडारण का तरीका: टोकरियों या बोरियों में भरें।
5. साफ-सुथरा: नियमित रूप से साफ-सुथरा करें।
6. जांच: नियमित रूप से जांच करें और खराब लहसुन को अलग करें।
7. भंडारण की अवधि: 6-8 महीने।
लहसुन की पैकेजिंग Garlic Packaging
1. पैकेजिंग सामग्री: प्लास्टिक की बोरियाँ या टोकरियाँ।
2. पैकेजिंग का तरीका: लहसुन को साफ और सूखा कर पैक करें।
3. पैकेजिंग की मात्रा: 5-10 किलो प्रति बोरी।
सुझाव Suggestion
1. लहसुन Garlic की खुदाई और भंडारण के लिए उपयुक्त समय का चयन करें।
2. सावधानी से खुदाई करें।
3. नियमित रूप से जांच करें।
4. खराब लहसुन Garlic को अलग करें।
5. उपयुक्त भंडारण स्थान का चयन करें।

लहसुन की खेती से फायदा Benefits of Garlic Cultivation
आर्थिक फायदे Financial benefits
1. अच्छी कीमत: लहसुन Garlic की कीमत अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक होती है।
2. बाजार मांग: लहसुन की मांग साल भर रहती है।
3. रोजगार के अवसर: लहसुन की खेती से किसानों को रोजगार मिलता है।
4. आय में वृद्धि: लहसुन की खेती से किसानों की आय बढ़ सकती है।
5. निर्यात के अवसर: लहसुन Garlic का निर्यात किया जा सकता है.
स्वास्थ्य संबंधी फायदे Health Benefits
1. औषधीय महत्व: लहसुन में औषधीय गुण होते हैं।
2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना: लहसुन में विटामिन सी और अन्य पोषक तत्व होते हैं।
3. हृदय स्वास्थ्य: लहसुन में कोलेस्ट्रॉल कम करने के गुण होते हैं।
4. कैंसर रोकथाम: लहसुन Garlic में कैंसर रोकने के गुण होते हैं।
5. पाचन तंत्र को मजबूत करना: लहसुन में पाचन तंत्र को मजबूत करने के गुण होते हैं.
पर्यावरणीय फायदे environmental benefits
1. मिट्टी की उर्वरता बढ़ाना: लहसुन की खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
2. जल संचयन: लहसुन की खेती में कम पानी की आवश्यकता होती है।
3. कीट और रोग नियंत्रण: लहसुन Garlic में कीट और रोग नियंत्रण के गुण होते हैं।
4. वायु प्रदूषण कम करना: लहसुन की खेती से वायु प्रदूषण कम होता है।
5. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करना: लहसुन Garlic की खेती से जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम किया जा सकता है.
अन्य फायदे
1. सब्जी और मसाला दोनों रूप में उपयोग।
2. किसानों को आत्मनिर्भर बनाना।
3. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना।
4. रोजगार के अवसर पैदा करना।
5. लहसुन Garlic की खेती से जुड़े उद्योगों को बढ़ावा देना।
लहसुन Garlic की खेती करने से न केवल किसानों की आय बढ़ती है, बल्कि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है।
