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फिटकरी का सही तरीके से उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरकता बढ़ती है और मिट्टी की अम्लीयता कम होती है। यह गेहूं और सरसों की खेती में फायदेमंद है और फसल उत्पादन को बढ़ा सकता है।
 
फसल उत्पादन में वृद्धि करने के लिए फिटकरी का सही उपयोग: खेत में छिड़काव कैसे करें

मिट्टी की उर्वरकता कैसे बढ़ाई जा सकती है? गेहूं और सरसों की खेती में फिटकरी का उपयोग

रबी फसलों के लिए फायदेमंद विधि: फिटकरी के लाभ और उसका सही प्रयोग जानें।

खेती में फिटकरी का इस्तेमाल: कृषि उत्पादन और मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार
 

आज के कृषि युग में मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गया है, किसान भाइयों। रासायनिक खादों और कीटनाशकों का लगातार उपयोग मिट्टी का पीएच लेवल बढ़ाता है, जो फसल उत्पादन पर प्रभाव डालता है। ऐसे में फसल उत्पादन और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए मिट्टी का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है।

मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करके, खासकर रबी फसलों की बुवाई के समय, फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है और उनकी वृद्धि भी तेज की जा सकती है। आज हम फिटकरी का उपयोग करके मिट्टी की उर्वरता बढ़ाकर फसल उत्पादन को बेहतर बनाने के बारे में चर्चा करेंगे।


फिटकरी की भूमिका और महत्व:

कृषि क्षेत्र में फिटकरी एक महत्वपूर्ण पदार्थ है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह मिट्टी का pH संतुलित रखने में मदद करता है। मिट्टी की उर्वरता और पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो जाता है, खासकर जब मिट्टी का pH 7 से अधिक होता है। फिटकरी का इस्तेमाल करके मिट्टी की अम्लीयता को बढ़ाकर इसे फसलों के लिए अनुकूल बनाया जा सकता है। फिटकरी में सल्फर और पोटैशियम, जो मिट्टी को प्राकृतिक रूप से पोषक तत्व प्रदान करते हैं, भी होते हैं। 


फिटकरी की एक एकड़ की सही मात्रा:

फिटकरी के इस्तेमाल में मात्रा का ध्यान रखना सबसे महत्वपूर्ण है। 2 किलो फिटकरी एक एकड़ में पर्याप्त है, लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सही तरीके से इसका उपयोग किया गया है। ज्यादा फिटकरी का इस्तेमाल मिट्टी को अधिक अम्लीय बना सकता है, जो फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, खेत में इसे सही तरीके से मिलाने का तरीका और मात्रा जानना महत्वपूर्ण है।


फिटकरी का उपयोग कैसे किया जाता है:

इसे इस्तेमाल करने से पहले बारीक पीस लें, ताकि फिटकरी आसानी से पानी में घुल जाए। 2 किलो फिटकरी को 200 से 250 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में छिड़कना चाहिए। धीरे-धीरे इस मिश्रण को खेत में डालें। यह प्रक्रिया फसलों के लिए अच्छी तरह काम करती है क्योंकि इससे मिट्टी में हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं और मिट्टी का pH लेवल संतुलित रहता है।

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फिटकरी का घोल बनाने का तरीका:

फिटकरी का पाउडर करें: ताकि फिटकरी जल्दी पानी में घुल जाए, इसे पहले बारीक पीस लें। फिटकरी पाउडर के रूप में इस्तेमाल न किया जाए तो इसका असर कम हो सकता है और अधिक समय लगेगा।

PCH लेवल के अनुसार मात्रा निर्धारित करें: यदि मिट्टी का pH 7 से अधिक है तो किसान 1.5 से 2 किलो फिटकरी का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन पीएच 8 से अधिक होने पर 3 किलो फिटकरी का उपयोग किया जा सकता है।

घोल बनाएं: फिटकरी को पानी में मिलाकर खेत में समान रूप से डालें। यह घोल मिट्टी के घातक तत्वों को नष्ट करता है और इसकी अम्लीयता को नियंत्रित करता है।

फिटकरी छिड़काव कैसे करते हैं?


खेत की जुताई करने के बाद इस घोल को छिड़कें। ताकि घोल मिट्टी में अच्छी तरह मिल जाए, इसे खेत में धीरे-धीरे फैलाएं। अगर इसका उपयोग बुवाई के बाद किया जाना है, तो ध्यान रखें कि घोल फसल की पत्तियों पर न गिरे। बुवाई के बाद ड्रिप प्रणाली का उपयोग करके इस घोल को जड़ों तक पहुंचाएं। स्प्रिंकलर का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि घोल फसल की पत्तियों पर गिर सकता है, जिससे फसल को नुकसान हो सकता है।


फिटकरी का उपयोग करने के लाभ:

मिट्टी की उर्वरता बढ़ी: फिटकरी का उपयोग फसलों के पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है और मिट्टी का pH लेवल संतुलित रहता है।

मिट्टी में घातक बैक्टीरिया को मार डालना: फिटकरी के इस्तेमाल से फसल बीमारियों से बचती है क्योंकि मिट्टी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया मर जाते हैं।

फसल की वृद्धि में तेजी: फिटकरी मिट्टी की अम्लीयता को बढ़ाती है, जिससे फसल की जड़ों को आसानी से पोषक तत्व मिलते हैं और पौधे की वृद्धि तेज होती है।

उत्पादकता में सुधार: किसानों को आर्थिक लाभ मिलता है क्योंकि फसल उत्पादन तेजी से बढ़ता है।


बुवाई करने के बाद सावधानियां:

फिटकरी का उपयोग करते समय बहुत सावधान रहें कि इसे फसल की पत्तियों पर नहीं डालें। अगर बुआई के बाद इसका छिड़काव करना ही है, तो इसे ड्रिप सिस्टम के जरिए जड़ों तक पहुंचाएं ताकि पत्तियों पर कोई असर न पड़े।

फिटकरी लगाने के सामान्य लाभ:

मिट्टी का pH स्थिर रहता है।

मिट्टी की पोषक तत्व अवशोषण क्षमता बढ़ी है।

मिट्टी बेहतर होती है।

रोगाणु नष्ट होते हैं।

फसल रोगों से बचाव मिलता है।

उत्पादकता बढ़ी है।


किसानों के लिए टिप्स:

किसान भाइयों, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। खेत में बीजों को उर्वरता के बिना उचित लाभ मिलना मुश्किल हो सकता है। फिटकरी का उपयोग किफायती होने के साथ-साथ मिट्टी को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

ध्यान रहे कि मिट्टी का pH लेवल जांचने के बाद ही फिटकरी का प्रयोग करें। इसके अलावा, किसी भी जानकारी को लागू करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें, ताकि आप अधिकतम लाभ प्राप्त कर सकें।


निष्कर्ष:

फिटकरी मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाने का एक प्रभावी तरीका है, जिससे किसानों को बेहतर फसल उत्पादन मिल सकता है। इसकी मदद से किसान मिट्टी का पीएच स्तर और गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। यह एक किफायती और सस्ती प्रक्रिया है, जो किसानों के लिए बहुत लाभदायक हो सकती है। यही कारण है कि यह लेख सभी किसानों के लिए उपयोगी होगा जो अपनी मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना चाहते हैं।

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