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Change in export: निर्यात नीति में बदलाव गैर बासमती चावल के लिए एमईपी हटा, कारोबारियों को फायदा
 

गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगे न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को केंद्र सरकार ने हटा दिया है, जिससे किसानों और व्यापारियों को फायदा होगा।
 

गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगे न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को केंद्र सरकार ने हटा दिया है, जिससे किसानों और व्यापारियों को फायदा होगा। इससे पहले, सितंबर में केंद्र ने इस चावल के निर्यात पर लगी रोक को हटाया था 

अब उबले चावल और भूरे चावल के निर्यात शुल्क को भी हटा दिया गया है, जिससे निर्यात में बढ़ोत्तरी होगी और कारोबारियों की लागत घटेगी ¹। इससे किसानों को धान का अच्छा दाम मिलने की संभावना बढ़ गई है और मौजूदा खरीफ सीजन की फसल खरीद प्रक्रिया के चलते मंडियों में उठान में देरी के मामले भी खत्म हो जाएंगे 

क्या है एमईपी?

न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर कोई देश अपने उत्पाद का निर्यात कर सकता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि देश के उत्पादों का मूल्य कम न हो और घरेलू बाजार में उनकी कीमतें नियंत्रित रहें 

किसानों को कैसे फायदा होगा?

गैर बासमती सफेद चावल के निर्यात पर लगे एमईपी को हटाने से किसानों को कई तरह से फायदा होगा:

- धान का अच्छा दाम: निर्यात में बढ़ोत्तरी से किसानों को धान का अच्छा दाम मिलेगा।
- मंडियों में उठान में तेजी: मौजूदा खरीफ सीजन की फसल खरीद प्रक्रिया के चलते मंडियों में उठान में तेजी आएगी।
- कारोबारियों की लागत घटेगी: निर्यात शुल्क हटाने से कारोबारियों की लागत घटेगी और वे अधिक मुनाफा कमा सकेंगे ¹

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