Carrot Farming: गाजर खाना हर एक व्यक्ति को पसंद होता है वहीं इसकी खेती पूरे भारत में की जाती है। गाजर में विटामिन एए विटामिन के और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं। गाजर खाने से इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। खास बात यह है कि गाजर के अंदर भारी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। ऐसे में इसका सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर होती है और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। यही कारण है कि बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। ऐसे में अगर कोई किसान भाई काली गाजर की खेती करें तो अच्छी आमदनी कर सकता है।
Also Read: Leaf Miner Disease in Mustard: सरसों की फसल में फैल रहा लीफ माइनर रोग, जानें रोकथाम व उपचार के तरीके लोग सोचते हैं कि गाजर का रंग सिर्फ लाल होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। काली गाजर भी है। इसमें लाल गाजर से भी ज्यादा विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं। काली गाजर का सेवन ज्यादातर सलाद, हलवा और जूस के रूप में किया जाता है। वहीं, कई लोग काली गाजर का इस्तेमाल औषधि के रूप में भी करते हैं। खास बात यह है कि काली गाजर की खेती उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में की जा रही है।
खेती के लिए उचित है 15 से 30 डिग्री तापमान
काली गाजर की खेती के लिए 15 से 30 डिग्री का तापमान बेहतर माना जाता है। अगर किसान काली गाजर की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले खेत की कई बार अच्छी तरह जुताई कर लें। इसके बाद खेत में पहले से तैयार वर्मीकम्पोस्ट डालें और मेड़ लगाकर खेत को समतल कर लें। फिर क्यारी तैयार कर बीज बो दें। अगर आप एक हेक्टेयर में काली गाजर की खेती कर रहे हैं तो आपको 5 से 6 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ेगी। बीज बोने के 10 दिन बाद अंकुरित होनी शुरू हो जाता है।
काली गाजर
हो जाती है प्रति हेक्टेयर 8 से 10 टन तक पैदावार
यदि आप बीज बोने से पहले 24 घंटे तक पानी में भिगो दें तो बीज जल्दी अंकुरित हो जाते हैं। लाल गाजर की तरह काली गाजर की फसल भी 80 से 90 दिन में तैयार हो जाती है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक आपको प्रति हेक्टेयर 8 से 10 टन तक उपज मिल सकती है। बाजार में काली गाजर की कीमत 40 से 50 रुपये प्रति किलो है। इस तरह किसान भाई एक हेक्टेयर में खेती करके लाखों रुपये कमा सकते हैं।
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वजन कम करना
मोटापा कम करने के लिए काली गाजर बहुत फायदेमंद होती है। काली गाजर में पॉलीफेनोल पाया जाता है जो वजन कम करने में सहायक होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला
काली गाजर का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गाजर में विटामिन सी पाया जाता है जो सर्दियों में फ्लू से बचाने में सहायक होता है।
गठिया की समस्या
गठिया की समस्या से छुटकारा पाने के लिए काली गाजर बहुत फायदेमंद होती है। काली गाजर में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो गठिया रोग से बचाते हैं।
काली गाजर के फायदे
तनाव
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दृष्टि के लिए
आंखों की सेहत के लिए काली गाजर बहुत फायदेमंद होती है। आंखों को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना काली गाजर का सेवन करना चाहिए। गाजर में एंथोसायनिन फ्लेवोनोइड पाया जाता है जो रेटिना में किसी भी तरह की क्षति को रोक सकता है।