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 करनाल में बारिश से भीगा गेहूं, ओलावृष्टि से उपज को भारी नुकसान

फिलहाल हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद की जा रही है। अनाज मंडियों में जगह-जगह गेहूं रखा हुआ है। ऐसे में भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कई जगहों पर गेहूं खुले में रखा गया है, जहां शेड तक नहीं है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है. कई जगहों पर किसानों की गेहूं की खड़ी फसल खेतों में तैयार है. इस बीच हरियाणा के करनाल के इंद्री हल्के में भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है.
 

फिलहाल हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद की जा रही है। अनाज मंडियों में जगह-जगह गेहूं रखा हुआ है। ऐसे में भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कई जगहों पर गेहूं खुले में रखा गया है, जहां शेड तक नहीं है. इससे किसानों को नुकसान हो रहा है. कई जगहों पर किसानों की गेहूं की खड़ी फसल खेतों में तैयार है. इस बीच हरियाणा के करनाल के इंद्री हल्के में भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है. यहां अचानक हुई बेमौसम भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की खड़ी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. कई किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि और भारी बारिश का सीधा असर खेतों में कटाई के लिए तैयार खड़ी फसलों पर पड़ा है.

इस समय राज्य में गेहूं की खरीद चल रही है और कई किसान गेहूं की कटाई में व्यस्त हैं. ऐसे में बेमौसम बारिश से किसानों की परेशानी बढ़ गई है. प्रभावित किसानों ने बताया कि भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण खेतों में तैयार गेहूं की फसल गिर गई है और मंडियों में बिकने के लिए आई फसल भी पूरी तरह भीगकर खराब हो गई है. इस बारिश से किसान पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। उनकी मेहनत खेतों में पूरी तरह खत्म हो गई है. ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द किसानों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. इसके साथ ही किसानों ने सरकार से मांग की है कि इस मौसमी आपदा के कारण जिन किसानों की फसलें खराब हुई हैं, उनकी उचित गिरदावरी करवाकर उन्हें जल्द से जल्द उचित मुआवजा दिया जाए.


बाज़ार में घाटा

इंद्री की अनाज मंडी में अपनी गेहूं की फसल बेचने आए किसान गजे सिंह ने बताया कि कुछ ही मिनटों में इतनी ओलावृष्टि हुई कि गेहूं की बोरियां सफेद चादर में बदल गईं. 15 से 20 मिनट तक तेज ओलावृष्टि होती रही। उन्होंने कहा कि जिस तरह से यहां ओलावृष्टि हुई है, अगर ऐसी ओलावृष्टि आसपास के खेतों में होती तो वहां भी किसानों की फसलों को भारी नुकसान होता. गजे सिंह ने कहा कि अब वह सरकार से मुआवजे की मांग करते हैं ताकि किसानों को कुछ राहत मिल सके.


20 मिनट तक हुई ओलावृष्टि

मंडी में अपनी गेहूं की फसल लेकर पहुंचे एक अन्य किसान ने बताया कि वह अपनी गेहूं की फसल लेकर मंडी पहुंचे थे लेकिन 20 मिनट तक हुई ओलावृष्टि के कारण मंडी में गेहूं की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा, जब वे अपने खेतों में जाएंगे तो उन्हें पता चलेगा कि जिस तरह से मंडी के आसपास ओलावृष्टि हुई, उसी तरह खेतों में भी ओलावृष्टि होती तो फसलों को कितना नुकसान होता। फिलहाल बारिश और ओलावृष्टि से बाजार में गेहूं की पैदावार को नुकसान हुआ है। हालांकि इस समय चुनाव आचार संहिता के कारण सरकार मुआवजे की घोषणा नहीं कर सकती, लेकिन अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला प्रशासन कब तक गिरदावरी कराकर किसानों को राहत देने का प्रयास करेगा. साथ ही किसानों को उनकी फसल का मुआवजा कब तक मिलेगा?

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