लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में शुरू हुई किसान यात्रा, तेज हो सकता है भाजपा-जजपा नेताओं का विरोध
सोनीपत से यात्रा की शुरुआत करते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि जब भी कोई आपके गांव में वोट मांगने आए तो उससे जरूर पूछें कि आप लोगों ने किसानों को दिल्ली क्यों नहीं जाने दिया। जब किसान न्यूनतम मूल्य ही मांग रहे हैं तो फसलों की एमएसपी की गारंटी देने में क्या दिक्कत है। उनसे पूछें कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून की अनदेखी कर किसानों की जमीन क्यों हड़पी जा रही है?
लोकसभा चुनाव की वोटिंग से ठीक पहले किसान नेताओं ने हरियाणा में भाजपा और जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्य में 25 मई को मतदान होना है। उससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने दो बड़े कार्यक्रमों की घोषणा की है। इसके तहत आज 7 मई को सोनीपत से 'किसान यात्रा' शुरू की गई है।
यह यात्रा 19 मई को कैथल में रैली के साथ समाप्त होगी। सोनीपत के प्रहलादपुर किठौली गांव से शुरू हुई यह यात्रा हरियाणा के सैकड़ों गांवों में जाएगी। इस दौरान किसान नेता पिछले एक दशक में भाजपा सरकार द्वारा किसानों, मजदूरों और युवाओं से किए गए वादों, उनके साथ की गई ज्यादतियों और अत्याचारों को लोगों तक पहुंचाएंगे।
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भाजपा-जजपा के खिलाफ विरोध तेज हो सकता है
फिलहाल यात्रा शुरू हो गई है और इसमें किसान नेता गांवों में जाकर बता रहे हैं कि किस तरह से हरियाणा सरकार ने दिल्ली जाने की मांग कर रहे किसानों पर जुल्म ढाए। कितनी बार लाठीचार्ज किया गया और कितनी बार गोलियां चलाई गईं। मोर्चा के इस आह्वान के बाद हरियाणा में भाजपा और जन नायक जनता पार्टी के नेताओं के खिलाफ विरोध तेज हो सकता है। पहले से ही राज्य में पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला समेत दोनों पार्टियों के तमाम नेताओं के खिलाफ विरोध चल रहा है।
उन्हें दिल्ली क्यों नहीं जाने दिया?
सोनीपत से यात्रा शुरू करते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि जब भी कोई आपके गांव में वोट मांगने आए तो उससे जरूर पूछा जाए कि आप लोगों ने किसानों को दिल्ली क्यों नहीं जाने दिया। फसलों की एमएसपी की गारंटी देने में क्या दिक्कत है, जबकि किसान सिर्फ न्यूनतम मूल्य मांग रहे हैं। उनसे पूछिए कि 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून की अनदेखी कर किसानों की जमीन क्यों हड़पी जा रही है। विपक्ष से भी सवाल पूछें कोहाड़ ने कहा कि अगर कोई विपक्ष का उम्मीदवार आपके गांव में आए, खासकर कांग्रेस का, तो उससे एमएसपी के बारे में पूछें।
उससे पूछें कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट 2006 में आई थी। कांग्रेस ने तब इसे लागू क्यों नहीं किया? जब हम सवाल पूछेंगे, तभी सभी दलों के नेताओं को होश आएगा। मतदान से पहले डालेंगे दबाव किसान नेताओं ने कहा कि 22 मई को किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर शंभू, खनौरी, डबवाली और रतनपुरा मोर्चों पर किसानों की रैली होगी। हरियाणा में 25 मई को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। उससे पहले किसानों की यात्रा और रैली काफी अहम है। किसानों के इस कदम ने हरियाणा में भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ा दी है।
इन युवाओं के योगदान को याद रखें
कोहाड़ ने कहा कि आज अनीश खटकर, नवदीप सिंह और गुरकीरत सिंह किसानों के हक के लिए जेलों में बंद हैं। हरियाणा पुलिस ने जिस तरह से 3 किसान नेताओं के साथ व्यवहार किया, वह किसी भी लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं है। उनके योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए और अपने हक के लिए आंदोलन को आगे बढ़ाना चाहिए।