सावधान! जालसाजों का नया हथियार बन गई है सोलर पंप योजना, जालसाजों के निशाने पर हैं हजारों किसान
डिजिटल क्रांति के इस दौर में इंटरनेट की सुविधा ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच गई है। ग्रामीण इलाकों में लोग इंटरनेट बैंकिंग का भी लाभ उठा रहे हैं। लेकिन साइबर क्राइम के इस दौर में किसान तेजी से साइबर ठगों का शिकार बन रहे हैं, क्योंकि किसान साइबर अपराधियों के आसान टारगेट होते हैं।
दरअसल, देश के ग्रामीण इलाकों में साइबर क्राइम काफी तेजी से फैल रहा है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी है, जिसके चलते गांव के लोग आसानी से इनका शिकार बन जाते हैं। वहीं, इन दिनों साइबर ठगों ने नया तरीका अपना लिया है।
साइबर ठग किसानों को झांसा देकर ठग रहे हैं। आपको बता दें कि सोलर पंप लगाने के नाम पर साइबर ठगों ने पिछले कुछ दिनों में पश्चिमी यूपी के कई किसानों से लाखों रुपये की ठगी की है, जिसके बाद किसान हैरान हैं। किस तरह से ठग रहे हैं किसानों को दरअसल, पश्चिमी यूपी के कई जिलों में सोलर पंप लगाने के लिए कई किसानों ने आवेदन किया था। इसमें केंद्र और राज्य सरकार तय रकम से अलग-अलग योजनाओं पर सब्सिडी देती है, जबकि बाकी पैसा किसानों को जमा करना होता है। ऐसे में पिछले कुछ दिनों में साइबर ठगों ने आवेदन करने वाले किसानों को फोन कर झांसा दिया और खुद को अधिकारी बताकर उनसे ओटीपी हासिल कर लिया।
साइबर ठगों ने मौके का फायदा उठाकर उनके खातों से लाखों रुपये गायब कर दिए हैं।
इस घटना की जानकारी किसानों को तब हुई जब वे कृषि कार्यालय पहुंचे, जब उनसे पैसे जमा करने को कहा गया। विभाग ने उन्हें बताया कि आपके पैसे नहीं हैं, जिसे सुनकर किसान हैरान रह गए। वहीं कई किसानों ने इस मामले में रिपोर्ट भी दर्ज कराई है। इसको लेकर अब कृषि विभाग फिर से प्रचार-प्रसार कर रहा है।
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ओटीपी न देने की अपील
वहीं, उप कृषि निदेशक ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से ऑनलाइन भुगतान के लिए कोई कॉल नहीं की जाती है। किसान अपना बचा हुआ पैसा इंडियन बैंक की शाखा में जमा कर दें। साथ ही उप कृषि निदेशक ने किसानों से अपील की कि वे किसी अनजान व्यक्ति को ओटीपी न दें। साथ ही बिना जानकारी के ऑनलाइन भुगतान न करें।
जानिए क्या है सोलर पंप योजना
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सरकार किसानों को 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर सोलर पंप मुहैया कराती है। किसानों के साथ-साथ पंचायतों और सहकारी समितियों को भी ये पंप रियायती मूल्य पर दिए जाते हैं। इसके अलावा सरकार खेतों के आसपास सोलर पंप लगाने के लिए लागत का 30 प्रतिशत तक लोन मुहैया कराती है। इसके अनुसार किसानों को इस परियोजना की राशि का केवल 10 प्रतिशत ही खर्च करना होता है। इस योजना का लाभ उठाकर किसानों की सिंचाई की समस्या खत्म हो सकती है। वहीं, बिजली या डीजल पंप से सिंचाई करने पर किसान की लागत बढ़ जाती है।