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Cattle do not conceive: जानें किस कारण गर्भधारण नहीं करते पशु, तुरंत अपनाएं ये 7 उपाय

 
Cattle do not conceive:  भारत में किसान खेती के बाद तेजी से पशुपालन की ओर रुख कर रहे हैं। कमाई के मामले में पशुधन भी किसानों और पशुपालकों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है। लेकिन दुधारू पशुओं में बांझपन की समस्या दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ती जा रही है। ये समस्याएँ पशुपालकों के लिए एक गंभीर समस्या बन गई हैं क्योंकि पशुओं के दूध उत्पादन और गर्भधारण क्षमता में कमी से पशुपालकों को सीधे तौर पर आर्थिक नुकसान हो रहा है। इसलिए किसानों को पशुओं के गर्भधारण के बारे में अधिक जानकारी होना जरूरी है ताकि वे इन समस्याओं का समाधान कर सकें। Also Read: Arvind Kejriwal ED summon: ED के सामने नहीं पेश होंगे केजरीवाल, समन को बताया राजनीति से प्ररित
Cattle do not conceive:  कम उम्र
दरअसल, जानवरों में यह देखा गया है कि कुछ जानवर समय पर अपनी उम्र पूरी नहीं कर पाते। यह पशुओं को गर्भधारण करने से रोकता है। साथ ही अक्सर मादक द्रव्यों के सेवन के लक्षण भी देता है। ऐसे समस्याग्रस्त पशुओं के लिए ये सात उपाय बहुत महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में पशुपालक इन 7 उपायों को अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
Cattle do not conceive:  पशुपालक अपनाएं ये 7 उपाय
यदि आपके पशुओं को गर्भधारण की समस्या हो रही है तो पशु को प्रतिदिन अच्छे चारे के साथ 50 से 60 ग्राम अच्छी गुणवत्ता वाला खनिज मिश्रण खिलाएं। यदि पशु कृमि (पेट के कीड़े) से पीड़ित हैं तो पशुचिकित्सक की सलाह पर कृमि नाशक दवा दें। पशुपालकों को शराब के लक्षण दिखते ही अपने पशुओं को उचित समय पर गर्भाधान करा देना चाहिए। यदि किसी कारण से पशु का संभोग समय समाप्त हो गया हो तो विशेष देखभाल के साथ 21वें दिन अपने पशु को गाभिन कराएं।
Cattle do not conceive:  गर्भाशय में कोई संक्रमण
यदि पशु के गर्भाशय में कोई संक्रमण, सूजन, अंडाशय पर सिस्ट और हार्मोनल कमी हो तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें। मई से जुलाई का अधिक तापमान संकर पशुओं में मद बढ़ा देता है। ऐसे मामलों में, जानवरों को बढ़ते तापमान से पर्याप्त रूप से बचाया जाना चाहिए। कभी-कभी सुविधाजनक होने पर महिलाओं को पुरुषों के साथ रखना चाहिए। इससे उनकी प्रजनन गतिविधियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। Also Read: Advisory for farmers: गेहूं की अगेती फसल में ऐसे करें लोज‍िंग कंट्रोल, जानें पछेती में क‍िस तरह खत्म करें खरपतवार
Cattle do not conceive:  मद चक्र की पूरी प्रक्रिया जानें
गाय और भैंसों में मद चक्र की औसत अवधि 21 दिन होती है। यह गायों में 18 घंटे, जबकि भैंसों में लगभग 24 घंटे तक रहता है। दूसरी ओर, गायें ज्यादातर सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक आइटम में रहती हैं, जबकि भैंसें शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक आइटम में रहती हैं। इसके अलावा भैंसें सर्दियों के मौसम में अधिक प्रजनन करती हैं।