पंजाब की महिला किसान ने लोगों को दी मिसाल, बिना पराली जलाए करती है खेती
Panjab: पंजाब-हरियाणा दोनों राज्य में पराली जलाने की समस्या काफी दिनों से चली आ रही है. किसानों को धान और गेहूं की पराली के अवशेषों को खेतों में जलाना बहूत ज्यादा आसान लगता है. पराली जलाने से प्रदूषण काफी हद तक बढ़ जाता है, जिससे लोगों को न सिर्फ सांस की परेशानी होती है, बल्कि इससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो जाती है. ऐसे में पराली प्रबंधन को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर योजनाओं को भी लागू करती रहती हैं, लेकिन इसका जमीनी स्तर पर कोई हल नही दिखाई देता है.
राज्य में कई किसान ऐसे भी होते हैं जो पराली जलाने से बच रहे हैं और दूसरों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. ऐसी ही एक महिला किसान बीबी कंवरबीर कौर का नाम सामने आया है. जिन्होने अपनी इस काबिलियत से पूरे राज्य का नाम भी रोशन किया है. आइए आज हम आपको इनकी इस सफलता के बारे में बताते हैं.
इस महिला ने की मिशाल कायम
गुरदासपुर जिले के अलेचक गांव की किसान बीबी कंवलबीर कौर पिछले कई सालों से बिना आग लगाए फसल की बुवाई कर रही हैं. बीबी कंवरबीर कौर की यह पहल अन्य किसानों के लिए भी मार्गदर्शक का भी काम कर रही है.
Also Read: Pashu Kisan Credit Card: पशुपालकों को मिल रहा है 3 लाख तक का लोन, ऐसे करें आवेदनकिसान बीबी कंवरबीर कौर का यह कहना है कि उनके पति सरदार नरिंदर सिंह छीना की साल 2002 में मौत हो गई थी और फिर घर की सारी जिम्मेदारी उन पर आ गई थी. उन्होंने पति की मौत के बाद सामाजिक और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ खेती का भी जिम्मा संभालना भी शुरू किया.
कंवरबीर कौर के अनुसार, अलेचक गांव में उनका 12 एकड़ का खेत है और वह पिछले कई सालों से फसल अवशेषों को बिना आग लगाए ही नष्ट कर रही हैं. वह राज्य के कृषि विभाग और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के कृषि वैज्ञानिकों की सलाह को अपनाकर अपने खेतों की पराली को नष्ट भी कर रही हैं, जिसके उन्हें काफी सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं
Also Read: Farmer Success Story: ड्राइवर खेती से जुड़ा धंधा शुरू करके बना मालिक, हो रहा लाखों का मुनाफाउन्होंने यह भी कहा कि इस बार भी उन्होंने करीब 10 एकड़ में धान की पीआर लगाई है. किसान बीबी कंवरबीर कौर ने किसान भाइयों से यह अपील की है कि वह फसल के अवशेष को न जलाएं और अगली बोने वाली फसल की खेती के लिए इसे खाद की तरह से उपयोग करें.