सही उर्वरक की पहचान कैसे करें? जानें डीएपी की विशेषताएं और नकली उर्वरक से बचने के तरीके
डीएपी उर्वरक: एक प्रमुख विकल्प
डीएपी (Diammonium Phosphate) उर्वरक फसलों की पैदावार बढ़ाने में मदद करता है, जिसमें नाइट्रोजन और फॉस्फोरस जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं। नाइट्रोजन पत्तियों और तनों की वृद्धि के लिए आवश्यक होता है, जबकि फॉस्फोरस जड़ों के विकास, फूल आने और फल लगने में सहायक होता है। यह एक प्रकार का Fertilizer है जो पौधों के बेहतर विकास में मदद करता है।
नकली उर्वरक से बचें
नकली उर्वरक न केवल फसलों की गुणवत्ता को खराब करते हैं, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे पंजीकृत दुकानों से ही उर्वरक खरीदें, जिससे वे Authentic Product प्राप्त कर सकें।
उर्वरक की पहचान कैसे करें?
डीएपी उर्वरक की पहचान करने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- डीएपी दानेदार होता है और इसके दाने सख्त होते हैं।
- इसका रंग भूरा, काला या बदामी होता है।
- इसे नाखून से आसानी से नहीं तोड़ा जा सकता।
- डीएपी के दानों को हाथ में लेकर चूना मिलाकर मसलने पर तीक्ष्ण गंध आती है, जिसे सूंघना मुश्किल होता है।
- तवे पर धीमी आंच पर गर्म करने पर डीएपी के दाने फूल जाते हैं। यह एक प्रकार का Quality Test है।
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सावधानी से खरीदें
किसानों को उर्वरक खरीदते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना होगा:
- उर्वरक पंजीकृत दुकान से ही खरीदें।
- पक्की रसीद अवश्य लें।
- पीओएस (POS) मशीन से उर्वरक खरीदते समय अंगूठा लगाकर रसीद प्राप्त करना न भूलें।
- नकली उर्वरक से बचने के लिए सतर्क रहें, जिससे आप अपनी फसल की गुणवत्ता और मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बनाए रख सकें।