हरियाणा की महिला का कमाल, आर्गेनिक तरीके से कर रही हैं मशरूम की खेती, साल में जबरदस्त पैदावार
महिला सशक्तिकरण और लोकल फॉर वोकल का इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता। दीपिका यादव हरियाणा के रेवाड़ी जिले के घासेड़ा गांव में जैविक तरीके से मशरूम की खेती कर रही हैं। इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है। खास बात यह है कि उन्होंने गुजरात में मशरूम की खेती का तरीका सीखा था। इसके बाद उन्होंने अपने गांव घासेड़ा में इसकी खेती शुरू कर दी।
खास बात यह है कि दीपिका एक साल में 4 टन से ज्यादा मशरूम का उत्पादन करती हैं। उन्होंने कई लोगों को रोजगार भी दिया है। दीपिका यादव पिछले 4 साल से अपने गांव में जैविक तरीके से मशरूम की खेती कर रही हैं। वह 4 साल पहले गुजरात गई थीं। गुजरात में अलग-अलग तरीके से मशरूम की फसल तैयार होते देख उनके मन में इसकी खेती करने का विचार आया।
गांव लौटने पर उन्होंने गुजरात में हो रही खेती को अपना रोल मॉडल बनाते हुए छोटे स्तर पर मशरूम की खेती शुरू कर दी। आज दीपिका एक साल में 4 टन से ज्यादा मशरूम का उत्पादन कर रही हैं। क्या कहती हैं दीपिका यादव खास बात यह है कि दीपिका यादव के खेत में उगने वाले मशरूम रेवाड़ी समेत गुरुग्राम और दिल्ली की मंडियों में भी सप्लाई होते हैं। दीपिका ने अलग-थलग तरीके से मशरूम उगाकर न सिर्फ अपना घर चलाया, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें मजबूत बनाने की मिसाल भी कायम की।
यहां से आया खेती का आइडिया
दीपिका यादव ने बताया कि उनके पति सरकारी नौकरी करते हैं। वह कुछ समय के लिए अपने पति के साथ गुजरात गई थीं, जहां उन्होंने अलग-थलग तरीके से मशरूम की फसल तैयार होते देखी। तभी से उन्होंने मन बना लिया कि वह भी इसी तरह से मशरूम की फसल तैयार करेंगी। उन्होंने 16 डिग्री तापमान बनाए रखते हुए एक अलग कमरा बनाया और उसमें मशरूम की खेती शुरू कर दी। इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है। ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि मशरूम प्लांट लगने से पहले उन्हें घर चलाने में दिक्कत होती थी, लेकिन जब से उनके गांव में यह प्लांट लगा है, तब से उन्हें पैसों से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं है।