Movie prime

किसानों के लिए दोहरी खुशखबरी! अब जीरो फीसदी ब्याज पर मिलेगा कर्ज, खरीफ कर्ज चुकाने की समय सीमा भी इस तारीख तक बढ़ाई

 
किसानों के लिए दोहरी खुशखबरी! अब जीरो फीसदी ब्याज पर मिलेगा कर्ज, खरीफ कर्ज चुकाने की समय सीमा भी इस तारीख तक बढ़ाई
Aapni Agri, Scheme मध्य प्रदेश के किसानों के लिए दोहरी खुशखबरी आई है। पहला- किसानों को जीरो फीसदी ब्याज पर कर्ज मिलेगा। दूसरा- खरीफ कर्ज चुकाने की सीमा 31 मई तक बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं चलाती है। जिससे किसानों की उपज बेहतर होती है। उन्हीं योजनाओं में से एक है जीरो पर्सेंट लोन रेट स्कीम। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दे रही है। देश में पहली बार उन्होंने शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देकर किसानों को खेती को लाभदायक बनाने में मदद की। Also Read: मानसून से पहले तैयारी करें किसान, 4 गुना होगी धान की पैदावार
शून्य प्रतिशत ब्याज दर योजना
किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अल्पकालीन फसली ऋण उपलब्ध कराने की योजना में किसानों को कम ब्याज दर पर सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह ऋण किसानों को सहकारी बैंकों/प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (पैक्स) से दिया जाता है। इसमें किसानों को सरकार की ओर से 3 लाख रुपए तक के कर्ज पर सब्सिडी का लाभ दिया जाता है। मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत किसानों को कृषि जरूरतों के लिए अल्पावधि ऋण मिलता है। Also Read: जून के महीने में करें इन सब्जियों की खेती, होगी मोटी कमाई विभिन्न फसलों की खेती के लिए आवश्यक पूंजी निवेश के लिए किसानों को बैंक से ऋण दिया जाता है। अल्पावधि के लिए किसानों को यह ऋण वर्ष में दो बार खरीफ और रबी की फसल के लिए मिलता है। किसानों के लिए दोहरी खुशखबरी! अब जीरो फीसदी ब्याज पर मिलेगा कर्ज, खरीफ कर्ज चुकाने की समय सीमा भी इस तारीख तक बढ़ाई
खरीफ ऋण अदायगी की सीमा 31 मई तक बढ़ाई गई
मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देते हुए खरीफ-2022 सीजन की अल्पावधि जमा राशि जमा करने की तिथि 31 मई तक बढ़ा दी है. इससे किसानों को फसली ऋण जमा करने का अतिरिक्त समय मिल गया है. यह रियायत उन किसानों को दी जाएगी जो उपार्जन अवधि के दौरान अपनी फसल बेचते हैं। पहले यह तारीख 30 अप्रैल 2023 थी। योजनान्तर्गत ऐसे समस्त कृषकों को सम्मिलित किया गया है जिनके द्वारा उनकी विभिन्न फसलों यथा गेहूँ, चना, मसूर, सरसों आदि को समय पर समर्थन मूल्य पर विक्रय किया गया हो।