पशुओं को नमक ईट (मिनरल ब्लॉक) देने के फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान, पोस्ट पढ़कर शुरू कर देंगे आप भी ऐसा करना
Jun 12, 2023, 13:41 IST
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Aapni Agri, Animal Husbandry जब हरे चारे की कमी हो जाती है तो अधिकांश पशुओं को सूखे चारे और भूसे पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे चारे में नाइट्रोजन व अन्य पोषक तत्व कम होते हैं। ऐसे समय में नमक ब्रिकेट पशुओं के लिए पूरक आहार का काम करता है। नमक के ब्रिकेट विभिन्न सामग्रियों को मिलाकर बनाए जाते हैं, जिनमें ये तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। नमक ईट सभी जुगाली करने वाले जानवरों को दिया जा सकता है। आइए जानते हैं नमक की ईट कैसे बनती है और इसे जानवरों को खिलाने से क्या-क्या फायदे होते हैं। नमक ब्रिकेट बनाने के लिए आवश्यक सामग्री गेहूं का चोकर - 250 ग्राम काली मिट्टी / मुल्तानी मिट्टी - 250 ग्राम चिकन गोबर - 250 ग्राम बिनौला केक - 150 ग्राम नमक - 100 ग्राम गुड़ / गुड़ - 100 ग्राम चुना - 50 ग्रा मिनरल मिक्स - 50 ग्राम Also Read: पशुपालकों को शीघ्र ही लम्पी रोग से मृत्यु होने पर 40 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी
अब इसमें खनिज मिश्रण मिला दिया जाता है, खनिज मिश्रण में सभी प्रकार के खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, जिससे पशुओं के स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता में सुधार होता है। - अब मुर्गे के गोबर को पानी में कुछ देर भिगोकर नरम होने के लिए इस मिश्रण में डाल दिया जाता है. मुर्गे के गोबर में नाइट्रोजन पाया जाता है, जो रूमेन में मौजूद बैक्टीरिया के विकास में मदद करता है। मुर्गे के गोबर की जगह यूरिया का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अंत में इस मिश्रण में पानी में घुला एक चुटकी पोटैशियम परमैंगनेट मिलाया जाता है, जो इस नमक की ईंट को फंगस लगने से रोकता है। अब इस मिश्रण को ईंट का आकार देकर बीच में एक छेद कर दिया जाता है ताकि इसे रस्सी से बांधकर जानवरों को खिलाया जा सके। इसे कुछ समय तक सुखाने के बाद पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। Also Read: खरीफ की बुआई से पहले किसान करें ये काम, बंपर उत्पादन से होगी तगड़ी कमाई
नमक ईट नुस्खा
रुई/बीज की खली और गुड़ को पीसकर दोनों मिश्रण को आपस में मिला दिया जाता है। टिस्की केक प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है जो पशुओं के विकास के लिए आवश्यक है। गुड़ ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है और पाचन में मदद करता है। इसके बाद इसमें मुल्तानी मिट्टी मिलाई जाती हैAlso Read: Rice Export: सरकार का बड़ा फैसला, चावल निर्यातकों को 6 महीने की राहत
अगर मुल्तानी मिट्टी नहीं है तो काली मिट्टी भी प्रयोग में लायी जा सकती है. मिट्टी में कंकड़ या कोई अन्य कचरा नहीं होना चाहिए।अब इसमें लाइम पाउडर मिलाएं, लाइम पाउडर कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। चूने के पाउडर के स्थान पर सीमेंट का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसके बाद इसमें नमक मिलाया जाता है, नमक में सोडियम और क्लोराइड खनिज पाए जाते हैं, जो जानवरों के शरीर में खनिज संतुलन को बनाए रखने का काम करते हैं। इसके बाद इसमें गेहूं का चोकर मिलाया जाता है, जो फाइबर का अच्छा स्रोत है।![पशुओं को नमक ईट (मिनरल ब्लॉक) देने के फायदे जानकर रह जाएंगे हैरान, पोस्ट पढ़कर शुरू कर देंगे आप भी ऐसा करना](https://aapniagri.com/static/c1e/client/114513/migrated/b4ad2ddb4f911e7bf580661abebccb56.jpg)