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खेत में धान के बीज बोने से पहले बरतें ये सावधानियां, नहीं तो फसल को हो सकता है नुकसान

खेत में धान के बीज बोने से पहले बरतें ये सावधानियां, नहीं तो फसल को हो सकता है नुकसान
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धान की खेती से अधिक लाभ कमाने के लिए किसान भाइयों को कई तरह की सावधानियों को ध्यान में ही रखना चाहिए. तभी वह अपनी फसल से टाईम पर अच्छा उत्पादन व लाभ पा सकते हैं. इसी कड़ी में देश-विदेश के कई कृषि वैज्ञानिक भी किसानों की सहायता के लिए हमेशा उनके साथ खड़े रहते हैं. ये ही नहीं सरकार ने भी किसानों की भलाई के लिए कई तरह की बेहतरीन योजना को लागू किया हुआ है, ताकि किसी कारणवश से किसानों को उनकी फसल से नुकसान होता है, तो वह इन स्कीम में शामिल होकर फायदे उठा सकते हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्यादातर किसानों ने
अपने खेत में धान के बीज को लगाना शुरु कर ही दिया है.
ये ही नहीं बल्कि कुछ खेतों में तो धान की नर्सरी का
काम भी तेजी से किया जा रहा है.
लेकिन जिन किसानों ने अभी तक अपने खेतों में
धान के बीजों की बुवाई शुरू नहीं की है,
तो वह इन्हें डालने से पहले खेत व बीज दोनों का सही तरीके से उपचार कर लें.
ताकि फसल उत्पादन में उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

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धान के बीज खेत में लगाने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

सबसे पहले खेत की अच्छे से जुताई करें.
इसके बाद खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति व रोग के उपचार
के लिए इसमें कम से कम एक कट्ठा जमीन में
(3 डिसमिल) में 1.5 किलोग्राम DAP 2 किलोग्राम पोटाश डालें.

साथ ही खेत में सड़ी गोबर की खाद और 10 किलोग्राम वर्मी कंपोस्ट,
2 से 3 किलोग्राम नीम की खली भी डालनी चाहिए.
इतना करने के बाद किसानों को खेत में अलग-अलग बेड बनाएं.
अंत में इसमें आपको बीज को डालना है.

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ऐसे करें बीज उपचार

अब आपने खेत की मिट्टी का उपचार तो कर लिया है, लेकिन अभी बीजों का उपचार करना बाकी है. इसके लिए आपको अधिक कुछ करने की जरूरत नहीं है. बस आपको इसके उपचार के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और स्ट्रप्लोसाइक्लिन आदि की आवश्यकता पड़ेगी.

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बता दें कि 30 किलोग्राम बीज में 100 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और 6 ग्राम स्ट्रप्लोसाइक्लिन को पानी में 5-6 घंटों के लिए मिलाकर छोड़ देना है.
कीड़ों के प्रकोप से बचाने के लिए बीजों पर क्लोरपीरिफॉस 250 मिलीलीटर 20+ घोल के साथ छिड़काव करना चाहिए.
इसके अलावा दवाओं का इस्तेमाल करने के बाद बीजों को 5-6 घटों के बाद किसी भी छायादार स्थान पर प्लास्टिक की चादर पर फैलाकर गीले जूट के बोरे में अच्छे तरीके से ढक कर छोड़ दें.

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घास व खरपतवार से ऐसे बचाएं

अक्सर आपने ये देखा ही होगा है कि धान की नर्सरी में घास व खरपतवार उग जाती है, जो फसल के लिए लाभदायक नहीं होती हैं. इसके बचाव के लिए आपको इसमें पाइराजोसल्फ्यूरान ईथाइल घुलनशील चूर्ण के साथ पानी में हल्का घोलकर और बालू में मिलाकर किसी भी छायादार स्थान पर अवश्य रखना चाहिए. इसके बाद इसे आप खेत में छिड़काव कर सकते हैं.

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