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जुलाई महीने में करें सिर्फ इन 3 दालों की खेती, लंबे समय तक नहीं पड़ेगी कमाने की जरूरत

जुलाई महीने में करें सिर्फ इन 3 दालों की खेती, लंबे समय तक नहीं पड़ेगी कमाने की जरूरत
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दाल की खेती किसानों के लिए कमाई का बेहतर जरिया बन सकती है.
जुलाई माह में कई प्रकार की दालों की खेती की जा सकती है.
इसमें खास बात ये है कि बुवाई के बाद दाल को तैयार होने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है.
बेहतर क्वालिटी के दाल लगभग 3 से 4 महीने में तैयार हो जाती हैं.
आज हम आपको यह बताएंगे कि जुलाई महीने में कौन-कौन सी दालों की खेती की जा सकती है.
वहीं, किसान को उनकी खेती से कितना मुनाफा और धन कमा सकता है.

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मूंग दाल की खेती

बिहार के भोजपुर जिले में कृषि क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति रंजीत कुमार यह बताते हैं
कि वैसे तो मूंग दाल की खेती अप्रैल और मई से ही शुरू हो जाती है.
लेकिन जुलाई महीना इसके लिए सबसे बेस्ट महीना होता है.
क्योंकि इस माह में बरसात के चलते पानी की समस्या नहीं आती है.
मूंग दाल की बीज को जून के आखिरी व जुलाई के पहले हफ्ते में बोया जाता है.
अगर मौसम का हाल सही रहा तो मूंग दाल को तैयार होने में 60-70 दिनों का टाईम लगता है.

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सितंबर और अक्टूबर के बीच इसकी तुड़ाई होती है. 2 एकड़ में कम से कम 10 क्विंटल तक मूंग दाल का उत्पादन होता है. वहीं, इसकी खेती में खर्च लगभग सात से आठ हजार रुपये होता है. मूंग दाल का एमएसपी 8,558 रुपये प्रति क्विंटल है. ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इससे महज तीन महीने में कितनी कमाई हो सकती है. प्रमुख तौर पर मूंग दाल की खेती मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड में होती है.

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उड़द दाल

जुलाई में उड़द दाल की खेती भी की जा सकती है.
यह भारतीय खाद्य पदार्थों में व्यापक रूप से प्रयोग होने वाली दाल है.
यह दाल लगभग 60-90 दिन में तैयार होती है. रंजीत बताते हैं
कि वैसे तो उड़द दाल की खेती ज्यादातर फरवरी और मार्च महीनों में की जाती है.
लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह दाल खरीफ और रबी सीजन में भी उगाई जा सकती है.
उड़द दाल के लिए 25-35 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान भी सही होता है.
यह दाल भारी बारिश वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से उगाई जा सकती है.

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अगर मौसम का हाल सही रहा है तो एक एकड़ में लगभग सात क्विंटल उड़द दाल का उत्पादन लिया जा सकता है. वहीं, उड़द दाल की एमएसपी 6,950 रुपये प्रति क्विंटल है. ऐसे में आप कमाई का अंदाजा लगा सकते हैं. भारत में प्रमुख तौर पर उड़द दाल की खेती उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और पंजाब जैसे राज्यों में होती जाती है.

 
अरहर की खेती

अरहर भी सबसे पसंदीदा दालों में से 1 है.
इसकी खेती भी जुलाई महीने से शुरू की जाती है.
इसकी बुवाई करने के बाद अरहर दाल को तैयार होने में
लगभग 100-120 दिन का टाईम लगता है.
अरहर दाल की खेती पानी की सुचारू आपूर्ति और
अच्छी ड्रेनेज क्षमता वाली मिट्टी पर आधारित होती है.
बुवाई के बाद खेत में नियमित रूप से पानी देना बहूत जरूरी होता है.
इससे उत्पादन भी ज्यादा मिलता है. रंजीत बताते हैं
कि अरहर दाल की खेती के लिए 20-35 डिग्री सेल्सियस तापमान उपयुक्त होता है.

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एक एकड़ में लगभग भारत में, आमतौर पर अरहर दाल का उत्पादन 6-8 क्विंटल (600-800 किलोग्राम) के बीच मिल सकता है. हालांकि, संख्या मौसम पर निर्भर करती है. वहीं, अरहर दाल का एमएसपी 7000 रुपये प्रति क्विंटल है. जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि अरहर दाल की खेती से कितनी कमाई हो सकती है. वैसे तो भारत के लगभग सभी इलाकों में अरहर दाल की खेती होती है लेकिन प्रमुख तौर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और बिहार में इसका उत्पादन होता है.

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