Category : पशुपालन
पशुपालन से तात्पर्य पशुधन को बढ़ाने और इनके चयनात्मक प्रजनन से है। यह एक प्रकार का पशु प्रबंधन तथा देखभाल है,
जिसमें लाभ के लिये पशुओं के आनुवंशिक गुणों एवं व्यवहारों को विकसित किया जाता है। बड़ी संख्या में किसान अपनी आजीविका के लिये पशुपालन पर निर्भर हैं।
इससे ग्रामीण आबादी के लगभग 55% लोगों को आजीविका मिलती है।कृषि विज्ञान की वह शाखा जिसमें पालतू पशुओं के भोजन, आवास, स्वास्थ्य एवं प्रजनन आदि का अध्ययन किया जाता है इसे पशुपालन कहते हैं।
पशुपालन का भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान हैं।
इसमें भी दुग्ध उत्पादन का योगदान सबसे ज्यादा है।
दुग्ध उत्पादन डेयरी उद्योग का एक प्रमुख व लाभकारी व्यवसाय है। अधिक दुग्ध उत्पादन के लिए अच्छी नस्ल की भैंसो (जैसे मुर्रा, जाफराबादी आदि), गायों (जैसे गिर, साहीवाल आदि), बकरियों (जैसे जमनापरी व सिरोही आदि) का पालन वैज्ञानिक विधि से करना चाहिए। इससे लोगों का आर्थिक विकास और अधिक होता है।