Aapni Agri
कृषि समाचार

Cardamom Crop: इलायची की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग व उपचार

Cardamom Crop: इलायची की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग व उपचार
Advertisement

Aapni Agri, Farming

भारतीय मसालों की तो दुनियाभर में तारीफ की जाती है.
विदेशों में भी भारतीय मसालों से व्यंजनों को बहुत ही चाव के साथ खाया जाता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि मसालों की रानी किसे कहा जाता है.
अगर नहीं तो बता दें कि मसालों की रानी इलायची को कहा जाता है.
इसके बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं,
जिसके चलते इसे कई तरह की चीजों में इस्तेमाल किया जाता है.
बाजार में भी इलायची की मांग साल भर बनी रहती है.
ऐसे में किसान भाई इसकी खेती करके अच्छा लाभ कमा सकते हैं.
लेकिन इसकी खेती के लिए फसल में लगने वाले रोग और प्रबंधन के बारे में जानना बहुत ही महत्वपूर्ण है.

READ MORE  Organic Fertilizer: प्रशासन गौशाला में कर रहा जैविक खाद तैयार, किसान ले सकते हैं बेहत सस्ते रेट में

Also Read: कमलजीत कौर के संघर्ष की कहानी, 50 साल की उम्र में बनाया खुद का बिजनेस

Advertisement
इलायची की फसल में लगने वाले रोग और प्रबंधन

इलायची की फसल (Cardamom Crop) में कई तरह के रोग लगते हैं,
लेकिन तीन रोग सबसे अधिक देखने को मिलते हैं, जिनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं.
कट्टे रोग, कैप्सूल सड़ांध, भीगना या प्रकंद सड़ांध रोग आदि. आइए इन रोगों के बारे में विस्तार से जानते हैं
कट्टे रोग: यह रोग फसल की नई पत्तियों पर दिखाई देता है.
यह आकार में स्पिंडल और पतला क्लोरोटिक फ्लीक्स होता है.
कुछ दिनों के बाद यह पीली हरी असंतुलित धारियों में बदल जाता है,
जिससे पत्तियां नष्ट होने लगती हैं.
कट्टे रोग से बचाव: इस रोग से बचने के लिए खेत में हमेशा स्वस्थ पौध का ही इस्तेमाल करें.
कैप्सूल सड़ांध (Capsule Rot): यह रोग भूरे-काले रंग का होता है.
इसके प्रभाव में फसल आने से उन्हें बहुत ही ज्यादा हानि पहुंचती है.
कैप्सूल सड़ांध रोग से बचाव: जितना हो सके मानसून के दौरान फसल की देखरेख करें.
किसी भी तरह के वायरस या फिर कीड़ों को देखते हैं, तो उसे तुरंत बाहर निकाल दें.
कैप्सूल सड़ांध के बचाव के लिए 1% बोर्डो मिश्रण का सही तरीके से छिड़काव करें.
प्रकंद सड़ांध (Rhizome Rot): यह रोग पत्तियों के ऊपरी सिरे से शुरू होकर नीचे तक फैल जाता है.
कुछ दिनों के बाद इसके परिणाम यह होते हैं कि पत्तियों सहित पूरा पौधा खराब होने लगता है.
इस दौरान आप पत्तियों को हाथ लगायेंगे तो आपको पिलपिला पन महसूस होगा.
प्रकंद सड़ांध रोग से बचाव : इलायची फसल की नर्सरी के दौरान 1:50 फॉर्मेल्डिहाइड डालें. इसके बाद मिट्टी में 0.2% कॉपर ऑक्सीक्लोराइड डालें.
ताकि इससे मिट्टी में मौजूद रोग नष्ट हो जाएं और फसल की पैदावार अच्छी हो सके.

READ MORE  Organic Fertilizer: प्रशासन गौशाला में कर रहा जैविक खाद तैयार, किसान ले सकते हैं बेहत सस्ते रेट में

 

Advertisement
Advertisement

Disclaimer : इस खबर में जो भी जानकारी दी गई है उसकी पुष्टि Aapniagri.com द्वारा नहीं की गई है। यह सारी जानकारी हमें सोशल और इंटरनेट मीडिया के जरिए मिली है। खबर पढ़कर कोई भी कदम उठाने से पहले अपनी तरफ से लाभ-हानि का अच्छी तरह से आंकलन कर लें और किसी भी तरह के कानून का उल्लंघन न करें। Aapniagri.com पोस्ट में दिखाए गए विज्ञापनों के बारे में कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।

Related posts

बाढ़ से खत्म हुई फसल को सरकार दे रही दोबारा रोपाई की सलाह, सहमत नहीं हो रहे किसान भाई

Rampal Manda

प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ा रुझान, तीन साल में 90 फीसदी कम हुई रासायनिक खाद की खपत

Aapni Agri Desk

Tomato Price: टमाटर बेचकर किसान ने कमाए ₹2.8 करोड़, देखें कैसे की शुरुआत

Rampal Manda

Leave a Comment