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Fish Farming: मछली पालक मार्च महीने तक कर लें यह काम, सरकार ने दिए निर्देश

 
Fish Farming: मछली पालक मार्च महीने तक कर लें यह काम, सरकार ने दिए निर्देश
Fish Farming: बढ़ती लागत और घटते मुनाफे के कारण किसान अब धीरे-धीरे खेती को छोड़ पशुपालन की ओर जा रहे हैं. किसान खेती की जगह बकरी पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन और मछली पालन को प्राथमिकता दे रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें लागत से ज्यादा कमाई होती है.
Fish Farming: किसानों में मछली पालन का क्रेज बढ़ता जा रहा
खास बात यह है कि आजकल युवाओं और किसानों में मछली पालन का क्रेज बढ़ता जा रहा है. क्योंकि बाजार में मछली की मांग अधिक है. लेकिन कई बार मछली पालन में कोई छोटी सी भूल की वजह से किसानों को नुकसान का सामना भी करना पड़ता है. ऐसे में बिहार के पशु एवं मत्स्य संस्थान ने मछली पालक किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी पर मछली पालकों को विशेष ध्यान देना चाहिए. Also Read: Wheat Mandi Bhav 09 March 2024: गेहूं के भाव में जानें आज क्या रहा बदलाव
Fish Farming: मछली पालक मार्च महीने में कर लें ये जरूरी काम, सरकार ने जारी  की एडवाइजरी - Fish Farming farmers this important work in the month of March  government issued advisory -
Fish Farming: मार्च महीने से पहले जरूर कर लें ये काम
मछली पालकों को मार्च महीने के पहले या दूसरे सप्ताह में पहले पुरानी मछलियों को निकालकर नए मछलियों के लिए तालाब की तैयारी कर लेनी चाहिए.वहीं अगर मछलियां छोटी हो तो जाल चलाकर मछलियों के स्वास्थ्य, संख्या, आकार आदि की जांच कर लें. साथ ही नियमित आहार देना शुरू कर दें. इसके अलावा तालाब में नियमित रूप से चुने का छिड़काव करें.
Fish Farming: तालाब में पानी भरकर पीएच स्तर के अनुसार इन खाद का छिड़काव
तालाब की तैयारी में जल निकासी और तालाब को सुखाने के बाद तालाब में पानी भरकर पीएच स्तर के अनुसार चूना, गोबर और रासायनिक खाद का छिड़काव कर लें. ये सभी काम नए मछलियों के बीज डालने से 15 दिन पहले करना चाहिए. यदि तालाबों की जल निकासी संभव न हो तो खरपतवार निकाल कर बचे हुए, मछलियों को मारने के लिए महुआ की खली का प्रयोग 2500 किलो प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें. उसके 15 दिनों के बाद नए मछलियों के बीज को डालें.
Fish Farming: मछली के बीज डालने का काम 15 मार्च से 30 मार्च तक
पशुपालक नए मछली के बीज सुबह 9 बजे के पहले ही डालें वहीं पशुपालकों को मछली के बीज डालने का काम 15 मार्च से 30 मार्च तक कर लेना चाहिए क्योंकि पंगेसियस प्रजाति की मछलियों के डालने का यह आदर्श महीना है. मछलियों को आहार नियमित रूप से देना प्रारंभ कर दें.मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह से ग्रास कार्प की ब्रीडिंग के लिए प्रजनक मछलियों को अलग-अलग तालाब में रखकर संतुलित भोजन देना चाहिए. Also Read: KISAN KUSUM YOJNA: हरियाणा के किसानों का पी.एम. कुसुम योजना मे बढ़ी रुचि, अभी तक 67418 सौर पम्प अपनाएं
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Fish Farming: जान लें मछली पालन के फायदे
इस समय बाजार में मछली की मांग बहुत ज्यादा है. इस बात को ध्यान में रखते हुए इन्हें बेचने में ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. इसके अलावा मछली पालन उद्योग शुरू करने के लिए ज्यादा पूंजी की भी आवश्यकता नहीं होती है. यह उद्योग कम खर्च में अधिक उत्पादन देने वाला है. इसे छोटे और बड़े दोनों स्तर पर शुरू किया जा सकता है. इसके लिए सरकार की ओर से सहायता भी मुहैया करायी जाती है. इस उद्योग से प्राप्त होने वाला मुनाफा इसमें होने वाले खर्च से लगभग 5 से 10 गुना अधिक होता है. जिससे किसानों को अच्छी खासी कमाई हो जाती है.