Fertilizer Certificate: खाद - बीज की दुकान खोलने का शानदार मौका, केवल 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद प्राप्त करें लाइसेंस
Fertilizer Certificate: भारत कृषि प्रधान देश है, ऐसे में खाद और बीज का व्यवसाय महत्वपूर्ण है। खेती में खाद और बीज की मांग शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बढ़ रही है। यह क्षेत्र बेरोजगार युवाओं के लिए स्वरोजगार का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। खाद बीज की दुकान खोलने के लिए युवाओं को लाइसेंस लेना होता है, जिसके लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास है।
कम लागत में स्वरोजगार के अधिक अवसर खाद बीज का व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक युवा सिर्फ 15 दिन का प्रशिक्षण लेकर लाइसेंस ( License ) प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद वे अपने गांव या शहर में कहीं भी दुकान खोल सकते हैं और किसानों की जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराकर अपनी आय अर्जित कर सकते हैं।
प्रशिक्षण अनिवार्य
लाइसेंस प्राप्त करने के लिए संबंधित कृषि विज्ञान केंद्र ( Agricultural Science Centre ) से 15 दिन का सर्टिफिकेट कोर्स करना होता है। कृषि अधिकारी डॉ. रावतराम भाखर ने बताया कि इस कोर्स में अभ्यर्थियों को प्रायोगिक और मैनुअल दोनों तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है।
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इसमें रासायनिक खाद के प्रकार, पौधे में उनकी उपयोगिता और संतुलित उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाती है। गोरखपुर से करने के बाद युवाओं को खाद बीज बेचने का लाइसेंस मिल जाता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में आवेदन करें
खाद और बीज की दुकान खोलने के लिए आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है। आवेदक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा ऑफलाइन आवेदन करने के लिए आप अपने जिले के कृषि विभाग कार्यालय में जाकर भी सभी दस्तावेजों के साथ अपना आवेदन जमा कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज और पात्रता
योग्यता- कम से कम दसवीं पास होनी चाहिए
दस्तावेज- प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो
प्रशिक्षण- संबंधित कृषि विज्ञान केंद्र से टेस्ट प्रमाण पत्र प्राप्त होना चाहिए
स्वरोजगार का अवसर और किसानों की मदद करने का मौका
खाद और बीज की दुकान खोलने से न केवल बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा, बल्कि वे किसानों की मदद करके कृषि क्षेत्र में भी अपना योगदान दे सकेंगे। इस व्यवसाय को कम लागत में शुरू किया जा सकता है और इसे अच्छी आय का जरिया भी बनाया जा सकता है।
यह कदम ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में युवाओं के लिए स्वरोजगार को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों की जरूरतों को पूरा करने में निर्णायक साबित हो सकता है।