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Kisan Career: एग्रीकल्चर में ये डिग्री है एमबीए के समकक्ष, एग्रीकल्चर बिजनेस में अच्छे पैकेज की युवाओं में भारी मांग

कृषि व्यवसाय भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल से फरवरी के दौरान देश का कृषि निर्यात 43 अरब डॉलर से अधिक रहा और यह तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, स्टार्टअप के रूप में कृषि से जुड़े व्यवसाय तेजी से बढ़ रहे हैं।
 

कृषि व्यवसाय भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल से फरवरी के दौरान देश का कृषि निर्यात 43 अरब डॉलर से अधिक रहा और यह तेजी से बढ़ रहा है। वहीं, स्टार्टअप के रूप में कृषि से जुड़े व्यवसाय तेजी से बढ़ रहे हैं। इन सबके बावजूद हर साल बड़ी संख्या में फसलें बर्बाद हो जाती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कीटों, बीमारियों और मौसम की वजह से दुनियाभर में करीब 31 लाख करोड़ रुपये की 30 फीसदी फसलें बर्बाद हो जाती हैं।

इसका निजी क्षेत्र से लेकर सरकारी क्षेत्र तक कृषि निर्यात और व्यापार पर बुरा असर पड़ता है। इन स्थितियों से निपटने के लिए सरकार और निजी कंपनियों को बड़े पैमाने पर इनसे जुड़ी पढ़ाई करने वाले युवाओं की जरूरत है। इग्नू समेत देश के कई निजी और सरकारी कृषि विश्वविद्यालय इस सेक्टर के लिए ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर एग्री बिजनेस, एग्रीकल्चर क्रॉप मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर बिजनेस मैनेजमेंट जैसे कोर्स संचालित कर रहे हैं। इन कोर्स में प्रवेश लेकर युवा अपना बेहतरीन करियर बना सकते हैं। कई विश्वविद्यालयों की उनकी पढ़ाई और डिग्री एमबीए के समकक्ष होती है।

इस सेक्टर में युवाओं को सालाना 15 लाख रुपये तक का पैकेज मिल सकता है। कृषि क्षेत्र तेजी से व्यवसायिक गतिविधि में बदल रहा है। खेती को लेकर बदलते कारोबारी माहौल के कारण इस क्षेत्र में तेजी से नए अवसर खुल रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए इग्नू का कृषि विद्यालय एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन एग्रीबिजनेस (पीजीडीएबी) कोर्स संचालित कर रहा है। इस कोर्स के जरिए कृषि, खाद्य और इससे जुड़े क्षेत्रों में कृषि व्यवसाय के पेशेवरों को विकसित किया जाना है, ताकि किसानों, बिचौलियों और व्यापारियों और सरकार के बीच एक मजबूत पुल बनाया जा सके। कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस कोर्स के जरिए युवाओं में कृषि के लिए प्रबंधन कौशल विकसित किया जाना है।

किसी भी उम्र के लोग घर बैठे कर सकते हैं पढ़ाई

केंद्रीय विश्वविद्यालय इग्नू के पीआरओ राजेश शर्मा के मुताबिक इग्नू ने अपने कृषि विद्यालय के जरिए ओपन एंड डिस्टेंस मोड (ओडीएल) के तहत कई कोर्स में दाखिले के दरवाजे खोल दिए हैं। इन कोर्स में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्री बिजनेस (पीजीडीएबी) भी शामिल है। इस कोर्स के लिए दाखिले शुरू हो चुके हैं। इस कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक युवाओं के लिए दो खास बातें हैं, पहली यह कि वे घर बैठे पढ़ाई कर सकते हैं और दूसरी यह कि दाखिले के लिए कोई आयु सीमा नहीं है।

कोर्स की अवधि, फीस और प्रवेश पात्रता

कोर्स- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीबिजनेस (PGDAB)

कोर्स की अवधि- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीबिजनेस (PGDAB) की अवधि 1 वर्ष है। छात्र इस कोर्स को अधिकतम 3 वर्षों में पूरा कर सकते हैं।

प्रवेश पात्रता- आर्ट्स, कॉमर्स या किसी भी स्ट्रीम के ग्रेजुएट युवा इस कोर्स के लिए पात्र हैं।

किसी भी उम्र के ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कोर्स में प्रवेश के लिए कोई परीक्षा नहीं देनी होगी।

कोर्स की फीस- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीबिजनेस (PGDAB) की फीस 7,100 रुपये है।

अंतिम तिथि- पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीबिजनेस (PGDAB) कोर्स के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 जून 2024 है।

इसके अलावा कई विश्वविद्यालय ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन स्तर पर एग्रीबिजनेस, एग्रीकल्चर क्रॉप मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर बिजनेस मैनेजमेंट जैसे कोर्स संचालित करते हैं। इनमें भी प्रवेश लिया जा सकता है, लेकिन इनके कोर्स की अवधि, फीस और प्रवेश पात्रता को लेकर बदलाव संभव है।

प्रवेश के लिए आवेदन कैसे करें

आवेदक ऑनलाइन प्रवेश पोर्टल के माध्यम से ओडीएल कार्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं।

इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट https://ignouadmission.samarth.edu.in/ पर जाना होगा।

नए आवेदक को पंजीकरण करना होगा, सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करनी होगी और पाठ्यक्रम चुनना होगा।

आवेदक के लिए आवेदन जमा करने से पहले निर्देशों की अच्छी तरह समीक्षा करना महत्वपूर्ण है।

व्यवसाय और रोजगार के अवसर

कृषि व्यवसाय की पढ़ाई करने के बाद युवा अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। निजी क्षेत्र की बहुराष्ट्रीय कंपनियों में काम कर सकते हैं और सरकारी विभागों में अधिकारी बनने का मौका मिलता है। इस क्षेत्र की पढ़ाई करने के बाद युवा किसानों से सीधे जुड़कर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग जैसे काम कर सकते हैं। वे कृषि उपज और उत्पादों की बिक्री और खरीद के संबंध में व्यापारियों और बिचौलियों और किसानों के बीच सेतु का काम करके अपना व्यवसाय खड़ा कर सकते हैं।

आप कृषि इनपुट और आउटपुट से जुड़ी कंपनियों में तकनीशियन, फसल प्रबंधक, निर्यात प्रबंधक, गुणवत्ता नियंत्रण अनुभाग जैसे बड़े पदों पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा आप निजी और सरकारी कृषि मंत्रालयों और विभागों में मार्केट रिसर्चर समेत विभिन्न पदों और विभागों में काम कर सकते हैं।

एग्री बिजनेस से जुड़ा कोर्स करने वाले युवाओं के लिए फूड प्रोसेसिंग, रिटेल, वेयरहाउसिंग, बैंकिंग, इंश्योरेंस, फर्टिलाइजर और पेस्टिसाइड कंपनियों में जॉब के अच्छे अवसर हैं। इसके अलावा आप एग्रीकल्चर से जुड़े उद्योगों में कंसल्टेंसी और वित्तीय संस्थानों में भी काम कर सकते हैं।

कितनी होगी कमाई
अगर आप एग्री बिजनेस से जुड़ा कोर्स करते हैं और खुद का बिजनेस शुरू करते हैं तो आपकी कमाई सालाना 20 लाख तक हो सकती हैयदि कृषि प्रबंधन पुस्तकें, कृषि बैंक और राज्य सरकार के कृषि विकास अधिकारी आदि में वृद्धि होती है तो आपका मासिक वेतन 1.12 लाख रुपये तक हो सकता है।