Aapni Agri, Scheme योगी सरकार की डिजिटल फसल सर्वेक्षण योजना के तहत खरीफ सीजन में 10 अगस्त से 25 सितंबर तक फसल सर्वेक्षण किया जाएगा. योगी सरकार किसानों को सरकारी अनुदान, स्कीमों का लाभ दिलाने के लिए डिजिटल फसल सर्वेक्षण 'ई-पटल' शुरू करने जा रही है. देश की 'अन्न टोकरी' के नाम से मशहूर उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन के साथ-साथ किसानों की समृद्धि की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। योगी सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर किसानों की आय और उत्पादकता बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें लाभान्वित किया है। इसी क्रम में किसानों को मौसमी बदलाव के कारण होने वाले फसलों के नुकसान से बचाने और उन्हें सरकारी अनुदान, स्कीमों का लाभ दिलाने के लिए सरकार डिजिटल फसल सर्वेक्षण 'ई-पटल' शुरू करने जा रही है. सीएम योगी की मंशा के अनुरूप इस डिजिटल सर्वे के जरिए न सिर्फ चालू खरीफ सीजन में फसलों के निरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है, बल्कि प्रदेश में रबी समेत अन्य डिजिटल फसल सर्वे का रोडमैप भी तय हो गया है.
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इस विशिष्ट सर्वेक्षण का उद्देश्य राज्य में फसलों से संबंधित आंकड़ों की वास्तविकता का निर्धारण करके एकल, सत्यापित स्रोत के रूप में कार्य करके एक ऐसा इको-सिस्टम और डेटाबेस विकसित करना है, ताकि विभाग वास्तविक समय में डेटा के माध्यम से स्थितियों को अपडेट कर सके। , यदि ज़रूरत हो तो। आकलन कर कार्रवाई को अंजाम दे सकेंगे। इस सर्वेक्षण में प्रदेश के 75 जिलों की 350 तहसीलों के 31002 लेखपालों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के 35983 ई-जांच समूहों का डेटा शामिल किया जाएगा. इसमें प्रत्येक क्लस्टर में फसलों की स्थिति, उनकी तस्वीरें और अन्य संबंधित डेटा संकलित किया जाएगा।
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सर्वेक्षण में फसलों से संबंधित आंकड़ों का संकलन पूरा होने पर उनकी स्थिति का विस्तृत विवरण डेटाबेस के रूप में प्रस्तुत किया जा सकेगा। इसके आधार पर विभागों को किसानों को योजनाओं का लाभ दिलाने, फसलों की कीमत तय करने में मदद समेत कई महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी मिल सकेगी. फिलहाल राज्य में 15 जून से खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में खरीफ सीजन के लिए सर्वे की तैयारी शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि सर्वे खरीफ सीजन में 10 अगस्त से 25 सितंबर के बीच किया जाएगा. रबी सीजन के लिए 1 जनवरी से 15 फरवरी और जायद सीजन में सर्वे के लिए 1 मई से 31 मई तक की समयावधि तय की गई है. वहीं जरूरत पड़ने पर अक्टूबर माह में एक और विशेष सर्वे भी कराया जा सकता है.
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इस सर्वेक्षण को करने के लिए प्रत्येक जिले में जिला मास्टर ट्रेनर्स और तहसील स्तर पर तहसील मास्टर ट्रेनर्स की पहचान की जाएगी और उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। इन्हें लखनऊ के कृषि भवन में तीन दिवसीय कार्यशाला में संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही सर्वेक्षकों, पर्यवेक्षकों और सत्यापनकर्ताओं को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। लखनऊ मण्डल के सम्बन्धित सर्वेक्षकों, पर्यवेक्षकों एवं सत्यापनकर्ताओं को लोकभवन में तथा अन्य जिलों के सम्बन्धित सर्वेक्षकों, पर्यवेक्षकों एवं सत्यापनकर्ताओं को जिला मुख्यालय पर प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस सर्वेक्षण को संचालित करने के लिए सहायक आयुक्त स्तर के 12 राज्य मास्टर ट्रेनर्स को चिन्हित कर प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।