Cattle Disease: पशुओं में सर्रा रोग का क्या कारण है, इसका इलाज कैसे करें?
पशुपालन की दृष्टि से पशुओं के स्वास्थ्य का बहुत महत्व है। स्वस्थ पशु से ही अच्छे और स्वस्थ बछड़े और अधिक दूध की उम्मीद की जा सकती है। दरअसल, कई बार पशुओं के बीमार होने पर भी पशुपालक समझ नहीं पाते कि आखिर मवेशियों को हुआ क्या है। हालांकि, बाद में जब उन्हें पता चलता है तो बीमारी बहुत तेजी से फैल चुकी होती है। इसके चलते कई बार पशुपालकों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। साथ ही कई बार पशुओं को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है। ऐसे में क्या पशुपालक जानते हैं कि पशुओं में सर्रा रोग किस वजह से होता है और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है? तो आइए ऐसे ही 5 सवालों के जवाब देते हैं।
सवाल- पशुओं में सर्रा रोग का कारण क्या है, इसका इलाज कैसे करें?
जवाब- पशुओं में सर्रा रोग का कारण रक्त में पाया जाने वाला ट्रिपैनोसोमा नामक प्रोटोजोआ है। यह प्रोटोजोआ खून चूसने वाली मक्खियों के जरिए बीमार पशुओं से स्वस्थ पशुओं में फैलता है। इस रोग के होने पर बीमार पशुओं को बार-बार पेशाब आता है और आंखें लाल हो जाती हैं। शरीर का तापमान 106-108 डिग्री हो जाता है। आंखें बहने लगती हैं और कभी-कभी आंखों की काली पुतली पर सफेद झिल्ली दिखाई देती है, ऐसी स्थिति में पशु खाना कम कर देता है। इसके अलावा दूध सूख जाता है। गर्भवती पशु का बच्चा गिर जाता है। अब इस बीमारी के इलाज की बात करें तो इसकी मुख्य दवाइयां बेरेनिल, ट्राई क्वीन, एंटरिसाइड प्रोसाल्ट हैं। आपको अपने नजदीकी पशु चिकित्सक से सलाह लेकर इसका इस्तेमाल करना चाहिए।
सवाल- कुछ गाय और भैंस मिट्टी खाती हैं, इसका इलाज क्या है?
जवाब- गाय और भैंसों के मिट्टी खाने की बीमारी को पिका कहते हैं, जो फास्फोरस की कमी से होती है। ऐसे पशु कागज, प्लास्टिक, मिट्टी सब कुछ खा जाते हैं। इसके इलाज के लिए पशुओं को एग्रीमिन, कैलडी मीन, मिल्कमिन, मिनरल फोर्ट, मिनिमिक्स जैसे मिनरल मिक्सचर 40-50 ग्राम और कृमिनाशक दवा रोजाना देनी चाहिए।
सवाल- ब्याने के बाद गाय के चारों थनों से खून क्यों आता है? ऐसा होने पर क्या करें?
जवाब- पशुओं के चारों थनों से खून आने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन यह मुख्य रूप से कैल्शियम की कमी के कारण होता है। खून अलग-अलग नहीं दिखता लेकिन चारों थनों से खून हल्का गुलाबी या लाल दिखाई देता है। ऐसी स्थिति में माइफेक्स, थाईकल, कैल्शियम-बोरोग्लुकोनेट जैसे कैल्शियम इंजेक्शन नस में लगाने से लाभ हो सकता है।
सवाल- यूरिया उपचारित भूसा खिलाने का सुझाव दिया जाता है। क्या इससे पशु मर जाता है?
जवाब- यूरिया उपचारित भूसा खिलाने से आपका पशु बिल्कुल नहीं मरेगा, बल्कि उसका दूध उत्पादन और स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। बस ध्यान रखें कि यूरिया की मात्रा 100 किलो भूसे में 4 किलो से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे अधिक होने पर पशु को नुकसान हो सकता है।
सवाल- गाय या भैंस पतला गोबर करती है और इस कारण वह पतला हो जाता है। बचाव के क्या उपाय हैं?
जवाब- पतला गोबर पशुओं में केंचुओं के संक्रमण के कारण होता है। यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो वर्मीकम्पोस्ट देना चाहिए, लेकिन कभी-कभी पतले गोबर को रोकने के लिए सेट्रोजिल वोलस की एक खुराक (सुबह और शाम) तीन दिन तक देनी चाहिए या सल्फाडिमिडीन वोलस को चावल के पानी में सुबह और शाम 2-2 बार देना चाहिए। यदि संभव हो तो सल्फाडिमिडीन की 100 मिली मात्रा को अंतःशिरा रूप से देना चाहिए।