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कैसे करें मिट्टी की उर्वरता में सुधार, यहां जानिए पूरी जानकारी

 

Aapni Agri, Farming

जिस तरह से हमारे देश में कई तरह की फसलें उगाई जाती हैं. ठीक उसी तरह से यह अलग-अलग तरह की मिट्टी भी पाई जाती है. मिट्टी में कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थ से लेकर कई तरह के जैविक प्रदार्थ व खनिज भी मौजूद होते हैं। किसानों को जिस तरह से खेती करने के लिए पानी की जरूरत होती है। ठीक उसी तरह से खेती के लिए मिट्टी का उपजाऊ होना बेहद जरूरी होता है। तो आइए आज हम इस लेख में मिट्टी की उर्वरता के बारे में चर्चा करते हैं.

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सबसे पहले जान लेते है कि मिट्टी क्या है?

मिट्टी की सबसे ऊपरी सतह जिस पर फसल व अन्य कार्य किए जाते है। उसे हम मिट्टी कहते हैं. मिट्टी में कई तरह के खनिज पदार्थ भी पाए जाते है। जिससे यह फसल को अच्छा बनाती है.

मिट्टी की उर्वरता में सुधार कैसे करें

किसान भाइयों को अपने खेत से लगातार उत्पादन प्राप्त करने के लिए उसकी उर्वरता को बनाए रखना बेहद जरूरी होता है. आपको ये बता दें कि किसान अपने खेत में 1 के बाद एक अधिक उपज देने वाली फसलों का उत्पादन करते रहते हैं, जिससे खेती की उर्वरता में गिरावट आ जाती है और एक समय में मिट्टी की उत्पादन क्षमता खत्म हो जाती है. तो किसान खेत में धान की फसल से अच्छा और अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए रासायनिक उर्वरकों का अधिक मात्रा में उपयोग भी करते हैं. इससे किसानों को मुनाफा मिलता है, लेकिन मिट्टी की उत्पादन क्षमता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है.

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इसके बचाव के लिए आपको नीचे दी गई बातों को ध्यान में रखना होगा.

किसानों को अपने खेत में दालों की फसलों पर अधिक ध्यान रखना चाहिए. खेत में एक बार गहरी जड़ों वाली फसलों के बाद उथली और छोटी जड़ों वाली फसलों को भी लगाएं. अधिक पानी की फसल उगाने के बाद खेत में कम पानी वाली फसलों को भी एक बार जरूर लगाएं, जैसे- कि मटर, मसूर, सरसों और चना आदि का उत्पादन जरूर करे. काफी लंबी अवधि की फसल के बाद कम समय वाली फसलों को लगाएं. जैसे कि गेहूं के बाद दालों की फसल को लगाएं.

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खेत में ऐसे पौधों को लगाएं जो आपके खेत की जलवायु और वातावरण के अनुकूल हो और साथ ही खेत में कीटनाशक पौधे लगाएं. जितना हो सके खेत में सिंचाई के दौरान ड्रिप सिंचाई प्रणाली का उपयोग अवश्य करें. समय-समय पर खेत में प्राकृतिक उत्पादों के साथ कीटों और बीमारियों का सही तरीकों से इलाज जरूर करें.