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Cultivation of mustard: सरसों की खेती को कीटों से बचाने के लिए अपनाएं ये तरीका, कीटों का होगा पल में सफाया

 
Cultivation of mustard:  सरसों के किसानों के लिए कीटों से निपटना एक कठिन समस्या हो सकती है, खासकर सर्दियों में। चंपा कीट, पेंटेड बग कीट और सोफली जैसे कीट सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इस लेख में हम इन कीटों से बचने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। Also Read: Haryana News: हरियाणा में मटर के सही दाम ना मिलने से किसान नाराज, लागत भी पूरी नहीं हुई
Cultivation of mustard:  चंपा कीट
चंपा कीट एक छोटा, हरा कीट है जो सरसों के फूलों और पत्तियों का रस चूसता है।
Cultivation of mustard:  पेंटेड बग
यह कीट फलियों के अंकुरण के समय सरसों के खेतों में आता है और पत्तियों का रस चूसता है। इसके बचाव के लिए डाइमेथोएट का छिड़काव पेंटेड बग कीटों को रोकने का एक तरीका हो सकता है।
Cultivation of mustard:  सोफैली कीट
यह कीट सरसों की पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है और फसल को प्रभावित करता है। सोफैली कीटों की रोकथाम के लिए नीम का उपयोग उपयुक्त हो सकता है। Also Read: WhatsApp new feature: WhatsApp पर आ रहा क्रॉस-प्लेटफॉर्म मेसेजिंग का विकल्प, जानें क्या क्या है नए फीचर में
Cultivation of mustard:  अन्य कीट नियंत्रण उपाय
बुआई के सातवें दिन सुबह या शाम को खेत में मैलाथियान या कार्बोरिल पाउडर का छिड़काव करें, जिससे कीट दूर रहेंगे। सरसों उगाते समय कीटों का हमला होना आम बात है, लेकिन सही उपाय अपनाकर इस समस्या से निपटा जा सकता है। मैलाथियान, डाइमेथोएट और नीम जैसे प्राकृतिक उपचारों का उपयोग करने से कीटों के प्रभाव को कम किया जा सकता है, जिससे सरसों की उत्पादकता बढ़ सकती है।