Cultivation of gram: इन चार तरीकों से चने की होगी बंपर पैदावार, जानें तरीका
Dec 10, 2023, 20:39 IST
Cultivation of gram: इस समय रबी फसलों की बुआई का काम चल रहा है. रबी की फसलों में चना भी शामिल है. यह एक दलहनी फसल है. इसका प्रयोग दाल के रूप में किया जाता है। इसके अलावा बेसन को पीसकर भी तैयार किया जाता है जिससे कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. बाजार में इसकी अच्छी मांग के कारण कई किसान चने की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अगर आपके पास सिंचाई की सुविधा है तो आप इसकी पछेती किस्मों की बुआई दिसंबर में कर सकते हैं. जिन किसानों ने चने की बुआई की है उनके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने दिसंबर महीने के लिए महत्वपूर्ण सलाह जारी की है जो आपके चने की पैदावार बढ़ाने में मददगार हो सकती है. Cultivation of gram Cultivation of gram: चने की अच्छी पैदावार लेने के लिए इसकी खेती को खरपतवारों से मुक्त रखना जरूरी है. इसके लिए किसानों को चने की बुआई के 30 दिन बाद निराई-गुड़ाई अवश्य करनी चाहिए ताकि खरपतवार निकालने में आसानी हो। इससे चने के पौधों की जड़ें अच्छी तरह बढ़ती हैं और पैदावार भी अधिक होती है. चने की बुआई के 30 से 40 दिन बाद शीर्ष को तोड़ने से भी अधिक शाखाएँ बनने से उपज अधिक होती है। Also Read: Haryana Govt Employees: हरियाणा में कच्चे कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी, सीएम ने किया ये बड़ा ऐलान Cultivation of gram: उत्तर-पूर्वी मैदानी इलाकों में फूल आने के समय सिंचाई करना लाभदायक होता है। जबकि उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों और मध्य भारत के क्षेत्रों में दो सिंचाई अधिक लाभदायक होती है, जिसमें पहली सिंचाई अंकुर फूटने के समय और दूसरी सिंचाई फूल आने के समय करना लाभदायक होता है। चने की खेती में कीट रोगों का प्रबंधन भी जरूरी है. इससे चने के उत्पादन पर भी काफी असर पड़ता है. चने की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप अधिक होता है। ऐसे में इसके नियंत्रण के लिए 2.0 किलोग्राम जिंक मैंगनीज कार्बामेंट प्रति हेक्टेयर 1000 लीटर पानी में घोलकर 10 दिन के अंतराल पर दो बार छिड़काव कर सकते हैं. Cultivation of gram Cultivation of gram Cultivation of gram: यदि बुआई के समय खेत में नमी की मात्रा कम हो तो गहराई में बुआई करें तथा बीजों को ढककर नमी के संपर्क में लाएँ। पौधों की संख्या 25 से 30 वर्ग मीटर के हिसाब से रखनी चाहिए. पंक्तियों (खांचों) के बीच की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 10 सेमी रखनी चाहिए। सिंचित अवस्था में काबुली चने की कूंडों के बीच की दूरी 45 सेमी रखनी चाहिए। चने की देर से बुआई में कम वृद्धि के कारण उपज में कमी की भरपाई के लिए सामान्य बीज दर 20 से 25 प्रतिशत बढ़ाकर बुआई करनी चाहिए। Cultivation of gram: देर से बुआई करने पर पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25 सेमी तक कम कर देनी चाहिए। चने के बीज की मात्रा दानों के आकार, बुआई के समय और भूमि की उर्वरता पर निर्भर करती है। आमतौर पर स्थानीय छोटे दाने वाली किस्मों के लिए बीज दर 65 से 75 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर, मध्यम दाने वाली किस्मों के लिए बीज दर 75-80 किलोग्राम और चने की किस्मों के लिए बीज दर 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर रखी जाती है. Also Read: Farmer Enterprise Award: किसानों को सरकार करेगी सम्मानित, यहां जानें योग्यता व आवेदन का तरीका