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अब कृषि उपकरणों को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं, यह सरकारी ऐप आपको किराए पर उपलब्ध कराएगा खेती की मशीनें

जैसे आप अपने घर को सजाने के लिए फर्नीचर किराए पर ले सकते हैं, वैसे ही अब किसानों के पास खेती के लिए उपकरण या उन्नत मशीनें किराए पर लेने की सुविधा भी है। जैसे-जैसे दुनिया आधुनिक होती जा रही है, वैसे-वैसे कृषि क्षेत्र भी उन्नत होता जा रहा है।
 

जैसे आप अपने घर को सजाने के लिए फर्नीचर किराए पर ले सकते हैं, वैसे ही अब किसानों के पास खेती के लिए उपकरण या उन्नत मशीनें किराए पर लेने की सुविधा भी है। जैसे-जैसे दुनिया आधुनिक होती जा रही है, वैसे-वैसे कृषि क्षेत्र भी उन्नत होता जा रहा है। किसानों को अब आधुनिक समय में खेती के लिए नए-नए तरह के उपकरण और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ रहा है।

खेती की अलग-अलग आधुनिक मशीनें भी आने लगी हैं, जिससे किसानों की मुश्किलें और लागत काफी हद तक कम हो गई है। कई बार मशीनें इतनी महंगी होती हैं कि हर किसान उन्हें खरीद नहीं पाता। ऐसे में अब वे इन उपकरणों को किराए पर ले सकते हैं।

भारत सरकार का खास ऐप

भारत में बड़ी संख्या में छोटे और सीमांत किसान रहते हैं। इन किसानों की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे महंगे दामों पर कृषि मशीनें खरीद सकें। ऐसे किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार की ओर से FARMS यानी फार्म मशीनरी सॉल्यूशंस ऐप लॉन्च किया गया। इस ऐप की मदद से किसान किराए पर कृषि उपकरण खरीदकर खेती में अपना मुनाफा बढ़ा सकते हैं।

कैसे करें रजिस्ट्रेशन

इस ऐप को भारत सरकार के कृषि एवं कल्याण मंत्रालय ने तैयार किया है। किसान इस ऐप के जरिए ट्रैक्टर, टिलर, रोटावेटर जैसी सभी मशीनरी किराए पर ले सकते हैं। सबसे पहले किसानों को गूगल प्ले स्टोर से इस ऐप को डाउनलोड करना होगा, फिर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर किसान मशीनरी किराए पर लेना चाहते हैं, तो उन्हें यूजर कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करना होगा। अगर वे मशीनरी किराए पर लेना चाहते हैं, तो उन्हें सर्विस प्रोवाइडर कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करना होगा। फिलहाल यह ऐप 12 भाषाओं में उपलब्ध है।

सब्सिडी पर भी मिलती हैं मशीनें

अगर आप कृषि उपकरण खरीदने में सक्षम हैं, तो केंद्र सरकार भी आपकी मदद करती है। केंद्र सरकार फार्म मशीनरी योजना के तहत किसानों को सब्सिडी वाले दामों पर खेती की मशीनें मुहैया कराती है। इसके अलावा राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर किसानों को सब्सिडी देती रहती हैं। अधिक जानकारी के लिए आप संबंधित राज्य सरकार के कृषि विभाग की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं।