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इस सप्ताह सरसों के भाव में तेजी आएगी या नहीं, जानिए इस रिपोर्ट में

किसान मित्रों दिवाली के बाद से ही सरसों के भाव में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और पिछले 6 महीने में सरसों के भाव में करीब 700 रुपए की गिरावट आ चुकी है। दिवाली के समय जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव 6100 के आसपास थे, जो अब 5400 के आसपास चल रहे हैं। इसी तरह भरतपुर में भी भाव 5700 से फिसलकर 5000 के नीचे पहुंच गए हैं। विदेशी तेलों का हाल भी करीब-करीब ऐसा ही है। मित्रों अगर इन 6 महीनों में सरसों की चाल पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि इस समय चल रहे भाव सबसे निचले स्तर पर हैं।
 

किसान मित्रों दिवाली के बाद से ही सरसों के भाव में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और पिछले 6 महीने में सरसों के भाव में करीब 700 रुपए की गिरावट आ चुकी है। दिवाली के समय जयपुर में कंडीशन 42% सरसों के भाव 6100 के आसपास थे, जो अब 5400 के आसपास चल रहे हैं। इसी तरह भरतपुर में भी भाव 5700 से फिसलकर 5000 के नीचे पहुंच गए हैं। विदेशी तेलों का हाल भी करीब-करीब ऐसा ही है। मित्रों अगर इन 6 महीनों में सरसों की चाल पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि इस समय चल रहे भाव सबसे निचले स्तर पर हैं।

सरसों की आवक भी अब कम होने लगी है और अब यह 5 लाख बोरी के आसपास रह गई है। इन स्तरों से नीचे सरसों और सोयाबीन में अच्छी खरीदारी देखने को मिल रही है। कहा जा सकता है कि सरसों ने अपना निचला स्तर बना लिया है। चूंकि कई किसान मित्रों ने सरसों को होल्ड पर रखा हुआ है और वे यह जानना चाह रहे होंगे कि आने वाले समय में सरसों का बाजार कैसा रहने वाला है। अगर आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो यह रिपोर्ट सिर्फ आपके लिए ही तैयार की गई है। इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

ताजा बाजार अपडेट

तेल मिलों की सीमित मांग के कारण शनिवार को घरेलू बाजार में सरसों के भाव स्थिर रहे। जयपुर में कंडीशन्ड सरसों के भाव 5,375 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्वस्तर पर स्थिर रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर 5.25 लाख बोरी रह गई। विश्व बाजार में चालू सप्ताह के अंत में खाद्य तेलों के भाव में गिरावट आई थी। विशेषज्ञों के अनुसार विश्व बाजार में खाद्य तेलों के भाव में बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। इसलिए घरेलू बाजार में भी सरसों के मौजूदा भाव में ज्यादा तेजी की संभावना नहीं है। घरेलू बाजार में सरसों तेल के भाव में तीसरे दिन मामूली सुधार हुआ, जबकि इस दौरान दूसरे दिन सरसों खली के भाव में तेजी रही।

उत्पादक मंडियों में शनिवार को सरसों की दैनिक आवक में कमी दर्ज की गई। कारोबारियों के अनुसार यदि उत्पादक राज्यों में मौसम अनुकूल रहा तो सरसों की दैनिक आवक यथावत रहने की उम्मीद है। वैसे भी चालू रबी सीजन में सरसों का उत्पादन अधिक रहने का अनुमान है। हालांकि, घरेलू बाजार में सरसों तेल की मांग सीमित रहने की उम्मीद है और इसकी कीमतों में तेजी या गिरावट काफी हद तक आयातित खाद्य तेलों की कीमतों पर निर्भर करेगी।

हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भावों की बात करें तो राजस्थान की बीकानेर मंडी में सरसों का भाव 4600 से 4951, पीलीबंगा मंडी में सरसों का भाव 4771 से 4895, जैतसर मंडी में सरसों (LAB=41.43) का भाव 4559-5023, सूरतगढ़ मंडी में सरसों का भाव 4536-5068, संगरिया मंडी में सरसों का भाव 4559-4897 (LAB 40.06), श्रीगंगानगर मंडी में सरसों का भाव 4925, अनूपगढ़ मंडी में सरसों का भाव 5037 और नोहर मंडी में सरसों टॉप 4700-5200 रुपए प्रति क्विंटल है। हरियाणा की मंडियों की बात करें तो सिरसा मंडी में सरसों का भाव 4600-4915, आदमपुर मंडी में सरसों का भाव 4750-4944 रुपए प्रति क्विंटल और ऐलनाबाद मंडी में सरसों का भाव 4600-4915 रुपए प्रति क्विंटल 4625-5043 रुपए प्रति क्विंटल तक बिका।

प्लांटों पर क्या रहा रुख

दोस्तों, शनिवार को सुबह ही सलोनी तेल प्लांटों में 25 से 35 रुपए की तेजी देखी गई। सुबह जब मंडी खुली तो भाव में 10 रुपए की तेजी आई और कोटा सलोनी प्लांट में सरसों का भाव 10 रुपए की तेजी के साथ 5750 रुपए पर खुला। शनिवार को सलोनी प्लांटों में कंडीशन्ड सरसों के भाव में 25 से 35 रुपए की तेजी आई। शनिवार को गोयल कोटा प्लांट में सरसों का भाव 50 रुपए की तेजी के साथ 5300 रुपए पर खुला। परसों आगरा बीपी प्लांट में 15 रुपये की गिरावट दर्ज की गई और भाव 15 रुपये कमजोर होकर 5585 रुपये पर बोले गए। शारदा प्लांट की बात करें तो प्लांट में 50 रुपये तक की तेजी देखी गई और शारदा प्लांट में सरसों का भाव 5600 रुपये पर बोला गया।

घरेलू और विदेशी बाजारों के अपडेट

किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर बेचने से बचने के कारण पिछले सप्ताह देश के तेल-तिलहन बाजारों में सरसों तेल-तिलहन और सोयाबीन तिलहन के भाव मजबूत बंद हुए। विदेशी बाजारों में कीमतों में गिरावट के कारण अन्य तिलहनों के भाव गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार विशेषज्ञों ने बताया कि विदेशों में सोयाबीन डीगम तेल का भाव 930-935 डॉलर प्रति टन से घटकर 910-915 डॉलर प्रति टन पर आ गया है, जो पिछले कई वर्षों का निचला स्तर है।

इस गिरावट का असर यहां सबसे अधिक तिलहनों पर पड़ा और इनके भाव कमजोर पड़ गए। उन्होंने कहा कि देखा जाए तो सरकार और आलोचकों के अलावा कई लोग सिर्फ खाद्य तेलों के थोक भाव पर ही चर्चा करते नजर आते हैं। आमतौर पर कोई इस बात पर चर्चा करता नजर नहीं आता कि इस गिरावट का असर खुदरा पर पड़ रहा है या नहीं और अगर नहीं पड़ रहा है तो इससे कैसे पार पाया जा सकता है।

किसानों द्वारा कम भाव पर सरसों की बिक्री बंद करने से सरसों तेल-तिलहन में सुधार आया। मजबूत किसानों ने अपनी सरसों की फसल इस उम्मीद में रोक रखी है कि देश में आम चुनाव के बाद सरकार उनकी समस्या के प्रति कुछ पहल करेगी और उन्हें वाजिब दाम मिलेंगे। केवल छोटे और गरीब किसान ही पैसे की जरूरत के कारण अपनी उपज बेच रहे हैं। उन्होंने कहा कि संतोष की बात यह है कि सरकार ने सरसों का वायदा कारोबार बंद कर दिया है। यदि यह वायदा कारोबार चल रहा होता तो अब तक भाव टूट चुके होते और किसानों से उनकी उपज छीन ली गई होती। बीते सप्ताह शिकागो में सोयाबीन डी-ऑइल केक और सोयाबीन तिलहन के भाव में तेजी आई है। इसका असर यहां भी देखने को मिला और सोयाबीन तिलहन के भाव बीते सप्ताह मजबूत बंद हुए।

दूसरी ओर सोयाबीन डीगम का आयात काफी सस्ता होने के कारण सोयाबीन तेल के भाव में गिरावट रही। ऊंचे भाव के कारण कारोबार प्रभावित होने से मूंगफली तेल-तिलहन के भाव बीते सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि विदेशों में सोयाबीन डीगम के भाव में गिरावट का असर स्थानीय बाजार में अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों पर देखा गया। इसके प्रभाव और पिछले सप्ताह सीपीओ और पामोलीन के आयात में वृद्धि के कारण सीपीओ और पामोलीन में गिरावट आई। नवंबर-दिसंबर में जब कपास की आवक कम थी तो वायदा कारोबार में इसका भाव 3,050 रुपये प्रति क्विंटल था, लेकिन जब कपास की आवक जोरों पर शुरू हुई तो वायदा कारोबार में भाव घटकर 2,450 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।

अब जब कपास की बुवाई चल रही है तो वायदा भाव 2,560 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में कपास की खेती कैसे बढ़ेगी, जिससे कपड़ा उद्योग और तिलहन उद्योग दोनों जुड़े हुए हैं। कपास की खेती का तिलहन उद्योग से संबंध बिनौले से प्राप्त होने वाले बिनौले के कारण है। बिनौले से कम तेल और सबसे अधिक मात्रा में खली प्राप्त होती है। लाइसेंस की जरूरत नहीं होने और वस्तु एवं सेवा कर से छूट मिलने के कारण सस्ते नकली कपास्या खल का कारोबार चल रहा है, जिस पर रोक लगना जरूरी है। जब मनुष्य के भोजन की गुणवत्ता के लिए मानक तय किए जा सकते हैं तो मवेशियों के लिए भी ये मानक तय किए जाने की जरूरत है।

तेल और खल के भाव

जयपुर में सरसों तेल, कच्ची घानी और एक्सपेलर के भाव में शनिवार को लगातार तीसरे दिन मामूली सुधार हुआ। कच्ची घानी सरसों तेल का भाव एक रुपए बढ़कर 1,000 रुपए प्रति 10 किलोग्राम हो गया, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल का भाव भी एक रुपए बढ़कर 999 रुपए प्रति 10 किलोग्राम हो गया। सरसों खल का भाव शनिवार को जयपुर में 20 रुपए बढ़कर 2,570 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर 5.25 लाख बोरी रह गई, जबकि पिछले कारोबारी दिवस आवक 5.50 लाख बोरी की थी। कुल आवक में से तीन लाख बोरी सरसों प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में पहुंची, जबकि मध्य प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 60 हजार बोरी, पंजाब और हरियाणा की मंडियों में 25 हजार बोरी और गुजरात में 25 हजार बोरी तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 65 हजार बोरी सरसों आई।

सरसों को होल्ड करें या बेच दें
किसान मित्रों, जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इस समय सरसों के भाव काफी कम हैं और अब यहां से बड़ी गिरावट की गुंजाइश कम ही है। रुझान को देखते हुए लगता है कि आगे इसमें सुधार हो सकता है। इसलिए हमारा मानना ​​है कि आपको इस समय सरसों को होल्ड करके रखना चाहिए। हमारा मानना ​​है कि सरसों में जल्दी कोई बड़ी तेजी नहीं आएगी क्योंकि आने वाला सीजन गर्मी का है और इस समय सरसों तेल की मांग कम है। लेकिन आने वाले कुछ महीनों में कीमतों में सुधार हो सकता है। मित्रों, हमने अपनी रिपोर्ट में पहले भी बताया था कि किसी भी फसल के भाव में लगातार तेजी या गिरावट लंबे समय तक नहीं चल सकती। पिछले 2 सालों से सरसों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और ऐसा लग रहा है कि अब बाजार में तेजी का दौर शुरू होने वाला है। अगर आप सरसों को होल्ड करते हैं तो हो सकता है कि आपको बड़ा मुनाफा न मिले लेकिन नुकसान की संभावना बहुत कम है। अगर हम उतार-चढ़ाव के पूरे समीकरण को देखें तो दिवाली के आसपास आपको MSP से ऊपर के भाव मिल सकते हैं। अपने विवेक से व्यापार करें।